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ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम्स से बचने सरकारी साइबर एजेंसी ने दी चेतावनी, जानें कैसे रखें खुद को सुरक्षित

ऑनलाइन शॉपिंग जितनी सुविधाजनक हो गई है, उतनी ही तेजी से इससे जुड़े साइबर धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइट्स, फिशिंग SMS और फेक कस्टमर सर्विस कॉल्स के जरिए लोगों से निजी और वित्तीय जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं।

इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में नागरिकों से कहा गया है कि वे फर्जी शॉपिंग साइट्स, फेक डिलीवरी मैसेजेस, और आर्डर अपडेट के नाम पर भेजे गए लिंक से सतर्क रहें।
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CyberDost ने सोशल मीडिया पर चेतावनी जारी की
“ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम अलर्ट! फर्जी साइट्स और फिशिंग डिलीवरी टेक्स्ट्स का बढ़ता खतरा। किसी भी लिंक पर आंख बंद करके क्लिक न करें। केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही शॉपिंग करें।”

जानें क्या है शॉपिंग स्कैम ?
ऑनलाइन ठग कई तरह की तरकीबें अपनाकर ग्राहकों को धोखा देने की कोशिश करते हैं।
फिशिंग डिलीवरी मैसेजेस: आपको SMS या ईमेल के जरिए बताया जाता है कि आपका ऑर्डर रुका हुआ है या पेमेंट कन्फर्म करना जरूरी है। लिंक असली वेबसाइट जैसा दिखता है लेकिन क्लिक करने पर फर्जी साइट पर ले जाता है, जो आपकी कार्ड या UPI डिटेल्स चुरा सकती है।

फेक शॉपिंग वेबसाइट्स

ये साइट्स दिखने में बिलकुल असली ई-कॉमर्स साइट्स जैसी होती हैं और सर्च इंजन पर भी नजर आ सकती हैं। भारी डिस्काउंट या दुर्लभ प्रोडक्ट्स दिखाकर ग्राहकों को लुभाती हैं, लेकिन पेमेंट के बाद ना सामान भेजती हैं और ना ही कोई संपर्क।
सोशल मीडिया पर स्कैम एड्स: Facebook जैसी साइट्स पर फर्जी स्टोर्स और डील्स के प्रचार के लिए स्पॉन्सर्ड पोस्ट्स चलाए जाते हैं। इन पर क्लिक करने से यूजर अनवेरिफाइड वेबसाइट्स पर पहुंच जाते हैं जो संवेदनशील जानकारी मांगती हैं।
पेमेंट वेरिफिकेशन स्कैम: SMS के जरिए कहा जाता है कि आपका ऑर्डर अधूरा है, कृपया पेमेंट वेरिफाई करें। इन लिंक पर क्लिक करने से आपका डेटा चोरी हो सकता है या आपके डिवाइस में वायरस आ सकता है।
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
किसी भी लिंक पर आंख मूंदकर क्लिक न करें: अनजान नंबर या ईमेल से आए मैसेज से सतर्क रहें। अगर लिखा हो कि आपका ऑर्डर रुका है, तो संबंधित ऐप या वेबसाइट पर जाकर ही चेक करें।
केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही खरीदारी करें: नामी एप्स को ही इस्तेमाल करें और केवल आधिकारिक एप स्टोर से ही डाउनलोड करें। व्हाट्सएप या मैसेज के जरिए आए लिंक से शॉपिंग न करें।
वेबसाइट URL ध्यान से जांचें: पेमेंट करने से पहले जांच लें कि URL “https://” से शुरू होता है और उसमें कोई टाइपो नहीं है। उदाहरण: “amaz0n.in” असली नहीं है, असली है “amazon.in”।
OTP और CVV किसी से साझा न करें: कोई भी वैध डिलीवरी एजेंट या कंपनी आपसे OTP या कार्ड की सुरक्षा कोड नहीं मांगेगी। अगर कोई मांगे, तो यह स्कैम है।
सेलर और रिव्यू चेक करें: कम जानकारी वाली वेबसाइट्स पर खरीदारी करते समय, पहले विक्रेता की रेटिंग और ग्राहक रिव्यूज जरूर देखें।
स्कैम की रिपोर्ट तुरंत करें: अगर आपको संदेह है कि आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

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