
अब खरीददारी होगी और भी सस्ती: जूते-कपड़ों पर जीएसटी में बड़ी राहत!-अगर आप भी नए जूते या बढ़िया कपड़े खरीदने का मन बना रहे हैं, तो अब आपकी जेब पर बोझ कम पड़ेगा। सरकार ने आम जनता को बड़ी खुशखबरी दी है। जीएसटी काउंसिल ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत अब 2,500 रुपये तक के जूते और कपड़ों पर सिर्फ 5% जीएसटी ही लगेगा। पहले यह छूट सिर्फ 1,000 रुपये तक की खरीदारी पर मिलती थी, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि जो लोग मिड-रेंज या बजट में खरीदारी करते हैं, उन्हें अब काफी फायदा होने वाला है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पुरानी टैक्स व्यवस्था और नया बदलाव: क्या था और क्या हुआ?-पहले की टैक्स व्यवस्था थोड़ी पेचीदा थी। अगर आप 1,000 रुपये तक के जूते या कपड़े खरीदते थे, तो उन पर 5% जीएसटी लगता था। लेकिन जैसे ही आपकी खरीदारी की कीमत 1,000 रुपये से थोड़ी भी ऊपर जाती थी, टैक्स की दर अचानक बढ़कर 12% हो जाती थी। इससे आम लोगों को काफी परेशानी होती थी, क्योंकि थोड़ी सी ज्यादा कीमत पर टैक्स का बोझ दोगुना हो जाता था। इस समस्या को समझते हुए, सरकार ने अब 5% वाली छूट की सीमा को बढ़ाकर 2,500 रुपये तक कर दिया है। यह कदम खासकर मध्यम वर्ग और युवाओं के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया है, जो अक्सर इन चीजों की खरीदारी करते हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक: क्या हुए बड़े फैसले?-यह महत्वपूर्ण निर्णय 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने की। इस बैठक में देश भर के राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी भाग लिया। काउंसिल ने सिर्फ जूते-कपड़ों पर टैक्स कम करने का ही फैसला नहीं लिया, बल्कि 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को खत्म करने पर भी सहमति जताई। अब ज्यादातर सामानों को 5% और 18% के स्लैब में लाया जाएगा। इस बदलाव से पूरा टैक्स सिस्टम और भी ज्यादा सरल और पारदर्शी हो जाएगा, जिससे सभी को समझने में आसानी होगी।
आम जनता और व्यापारियों को मिलेगा सीधा फायदा!-इस टैक्स कटौती का सीधा असर आम ग्राहकों पर पड़ेगा, यानी आपके और मेरे जैसे लोग। जूते, टी-शर्ट, जींस, शर्ट और अन्य रोजमर्रा के फुटवियर अब सस्ते हो जाएंगे। इतना ही नहीं, व्यापारियों के लिए भी यह एक अच्छी खबर है। उन्हें टैक्स से जुड़ी जटिलताओं से छुटकारा मिलेगा और उनका काम भी आसान हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स कम होने से लोग इन चीजों की खरीदारी ज्यादा करेंगे, जिससे बिक्री बढ़ेगी। लंबे समय में, इसका फायदा सरकार को भी होगा क्योंकि ज्यादा बिक्री से टैक्स कलेक्शन अपने आप बढ़ जाएगा।

