
चार साल: विकास और जनकल्याण की यात्रा-चार साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के विकास की गाथा को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाने का दावा किया है। कई नई योजनाओं के साथ, उन्होंने राज्य के हर कोने तक विकास का संदेश पहुँचाने का प्रयास किया है।
हरिद्वार का कायाकल्प:550 करोड़ रुपये की लागत से 107 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए, मुख्यमंत्री ने हरिद्वार को एक नया रूप देने की बात कही। सड़क, पुल, और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे हरिद्वार के बुनियादी ढाँचे में सुधार होगा और स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी। यह विकास यात्रा क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
ग्रामीणों का सशक्तिकरण:मुख्यमंत्री ने कई स्वयं सहायता समूहों और नागरिकों को सीधी आर्थिक सहायता प्रदान की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों की चाबियाँ वितरित की गई हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। यह कदम राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
सभी वर्गों तक पहुँच:सरकार का लक्ष्य है कि सभी वर्गों तक योजनाओं का लाभ पहुँचे। होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना, और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों से लोगों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है। ये योजनाएँ धरातल पर भी सफलतापूर्वक लागू हो रही हैं, जिससे राज्य के विकास में तेज़ी आएगी।
महिला सशक्तिकरण:सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% आरक्षण दिया गया है। नारी सशक्तिकरण योजना, महालक्ष्मी योजना, और वात्सल्य योजना जैसी पहलों से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। इससे राज्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और समाज में उनकी स्थिति मज़बूत होगी।
विकास का नया अध्याय:मुख्यमंत्री धामी ने ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ राज्य के विकास और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प लिया है। बेरोजगारी दर को कम करके और विकास योजनाओं पर ज़ोर देकर, उत्तराखंड एक नए विकास के दौर में प्रवेश कर रहा है।