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ट्रंप सरकार में और भी मजबूत होंगे भारत-अमेरिका के कारोबारी रिश्ते : पीयूष गोयल

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘भारत का मित्र’ बताते हुए गुरुवार को कहा कि उनके कार्यकाल में भारत-अमेरिका की दोस्ती और भी मजबूत होगी। गोयल ने यह भी कहा कि उन्हें भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी में कोई भी समस्या नहीं दिखती है और आने वाले समय में नए प्रशासन के आने से यह भागीदारी और भी सशक्त होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के 10 वर्षों के शासन में लागू विभिन्न पहलों और सुधारों पर मीडिया से बात करते हुए गोयल ने टेस्ला और स्टारलिंक की निवेश योजनाओं से लेकर लैपटॉप आयात नीति और यूरोपीय संघ के “एकतरफा” ग्रीन इकोनॉमी नियमों तक के सवालों के जवाब दिए।

ट्रंप के अगला राष्ट्रपति बनने पर भारत के नजरिये के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हमें (अमेरिका में) नई सरकार को कार्यभार संभालने और अपने औपचारिक एवं आधिकारिक रुख साफ करने देना चाहिए। लेकिन स्थिति की मेरी समझ और ट्रंप प्रशासन के साथ काम करने के मेरे अपने अनुभव को देखते हुए मुझे कोई समस्या नहीं दिखती है।” ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान आरोप लगाया था कि सभी प्रमुख देशों में से भारत विदेशी उत्पादों पर सर्वाधिक सीमा शुल्क लगाता है। उन्होंने सत्ता में आने पर पारस्परिक कर लगाने की प्रतिबद्धता भी जताई थी। गोयल ने कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पहले से कहीं बेहतर तरीके से संभाला है।

गोयल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में तीन प्रशासनों के साथ काम किया है और हम एक बार फिर ट्रंप प्रशासन के साथ काम करेंगे। अमेरिका के साथ भारत के संबंध हर साल बेहतर होते जा रहे हैं।” गोयल ने कहा, “ट्रंप भारत के मित्र हैं, प्रधानमंत्री मोदी के मित्र हैं और मुझे यकीन है कि यह दोस्ती और प्रगाढ़ एवं गहरी होगी। उनकी अब तक की विभिन्न टिप्पणियों से यह स्पष्ट है।” अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व वाली टेस्ला और स्टारलिंक द्वारा संभावित निवेश पर किसी भी नई सूचना के बारे में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों मुद्दों को अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा संभाले जाने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

भारी उद्योग मंत्रालय टेस्ला का मामला देखेगा जबकि दूरसंचार मंत्रालय के पास स्टारलिंक का मामला है। अप्रैल में मस्क ने भारत की अपनी बहुचर्चित यात्रा से अंतिम समय में हाथ पीछे खींच लिए थे। उस समय अनुमान लगाया जा रहा था कि मस्क भारत में टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने और अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा करेंगे। गोयल से देश में लैपटॉप के आयात के लिए नए दिशा-निर्देशों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत की लैपटॉप आयात नीति पर नए दिशा-निर्देश अभी भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विचाराधीन हैं। इस साल सितंबर में सरकार ने लैपटॉप और टैबलेट समेत कुछ आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए मंजूरी प्रणाली को तीन महीने यानी 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने बुधवार को फ्रांस की विदेश व्यापार मंत्री सोफी प्राइमस के साथ यूरोपीय संघ के एकतरफा कार्बन कर प्रावधानों को लेकर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के हरित अर्थव्यवस्था संबंधी नियम अनुचित हैं और इनसे भारत का निर्यात प्रभावित हो सकता है।

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