
पटाखा मार्केट की तलाश: जालंधर में जगह की तलाश जारी है!- जालंधर में पटाखा विक्रेताओं के लिए एक स्थायी स्थान खोजना एक चुनौतीपूर्ण पहेली बन गया है। जिला प्रशासन ने कई स्थानों को मंजूरी दी, लेकिन हर बार कुछ न कुछ अड़चन आ जाती है। आइए, इस दिलचस्प कहानी पर एक नज़र डालें!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बार-बार बदलते ठिकाने: एक मुश्किल सफर- जालंधर में पटाखा मार्केट के लिए जगह की तलाश एक दिलचस्प कहानी बन गई है। प्रशासन ने कई जगहों को मंजूरी दी, लेकिन हर बार कुछ न कुछ समस्या आ जाती है। कभी उद्योगपतियों की आपत्ति, तो कभी भीड़भाड़ और तंग रास्ते। विक्रेताओं को एक स्थायी जगह की सख्त ज़रूरत है, ताकि वे दिवाली से पहले अपना कारोबार शुरू कर सकें।
बेअंत सिंह पार्क: एक उम्मीद जो टूट गई-हाल ही में, नगर निगम ने बेअंत सिंह पार्क में मार्केट लगाने की अनुमति दी थी। सब कुछ ठीक लग रहा था, लेकिन उद्योगपतियों और पीएसआईईसी की आपत्तियों के कारण यह योजना रद्द हो गई। यह विक्रेताओं के लिए एक बड़ा झटका था, जो एक सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान की उम्मीद कर रहे थे।
चोहकां गांव: क्या यह होगा समाधान?-अब, पटाखा विक्रेताओं की नज़रें रामा मंडी क्षेत्र के चोहकां गांव पर टिकी हैं। यहां नगर निगम की लगभग 8 एकड़ खाली भूमि है। पहले भी इस जगह पर विचार किया गया था, लेकिन भीड़ और तंग रास्तों की वजह से कुछ दिक्कतें आई थीं। क्या इस बार प्रशासन इन समस्याओं का समाधान निकाल पाएगा?
विक्रेताओं की गुहार: जल्द मिले ठिकाना!-पटाखा विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन को इस बार चोहकां साइट पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। दिवाली से पहले उन्हें एक पक्का स्थान मिलना चाहिए, ताकि मार्केट सुरक्षित और सुचारु रूप से चल सके। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लेना ज़रूरी है। विक्रेताओं को उम्मीद है कि इस बार उनकी गुहार सुनी जाएगी और उन्हें एक स्थायी ठिकाना मिलेगा।

