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जापान चांद पर पहुंचने वाला पांचवा देश बना

टोक्यो। जापान का मून मिशन स्नाइपर ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया है। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने बीते साल 7 सितंबर को अपने स्नाइपर को चांद के लिए रवाना किया था। 4 महीने से ज्यादा की यात्रा के बाद यह मून स्नाइपर ने स्लिम मिशन के तहत चांद पर लैंडिंग की है। जापान चांद पर पहुंचने वाला पांचवा देश बन गया है। भारत के सफल चंद्रयान मिशन के बाद जापान ने अंतरिक्ष में इतिहास रचा है। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने बताया है कि उसके उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून ने चांद की सतह पर लैंडिंग की है।
जापान का ये स्नाइपर 25 दिसंबर को चांद की ऑर्बिट में पहुंचा था। तब से ये चांद की सतह की तरफ बढ़ रहा था। इस लैंडर का वजन 200 किलोग्राम है। लंबाई 2.4 मीटर और चौड़ाई 2.7 मीटर है। इसमें रडार, लेजर रेंज फाइंडर और विजन बेस्ड नेविगेशन सिस्टम लगा हैं। इसमें लगे कैमरे चंद्रमा पर मौजूद चट्टानों की बिल्कुल साफ तस्वीरें लेंगे। इसके साथ ही इसमें लूनर एक्सप्लोरेशन व्हीकल और लूनर रोबोट भी हैं। जापान की स्पेस एजेंसी के मुताबिक पिन पॉइंट लैंडिग टेक्नोलॉजी चंद्रमा के अलावा दूसरे ग्रहों पर भी उतरने की इजाजत देगा। स्लिम लैंडर एक ऐसी लैंडिंग साइट को टार्गेट करेगा जो 100 मीटर में फैली हुई है।

जापान ने ऐसे समय पर अपना चंद्रमा लैंडर उतारा है, जब अमेरिका का पेरेग्रीन लैंडर लॉन्च के बाद फेल हो गया है। जापान से पहले चार देशों-रूस, अमेरिका, चीन और भारत ने ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। जापान की स्पेस एजेंसी इससे पहले दो बार छोटे क्षुद्रग्रहों पर लैंडिंग में कामयाब रही थी लेकिन इस बार उसे चांद पर उतरने में कामयाबी मिली है। जापान ने पिछले साल भी चांद पर लैंडर भेजा था लेकिन वह सफल नहीं हो सका था। इसे नवंबर में लैंड होना था लेकिन जापान का अपने मून लैंडर से संपर्क टूट गया था। इसके बाद हाकूतो-आर मिशन लैंडर को चांद पर भेजा गया लेकिन यह भी चांद पर जाकर क्रैश हो गया था।

 

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