
मुंबई । फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने मंगलवार को समन जारी कर उनके खिलाफ दर्ज 60.48 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में 15 सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुंबई पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को समन जारी कर 10 सितंबर को पेश होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने समय सीमा बढ़ाने की मांग की, जो मंजूर कर ली गई। इससे पहले मुंबई पुलिस की ओर से शिल्पा और राज के खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था, जिसमें जांच से बचने के लिए उनके देश छोड़कर जाने की आशंका के चलते उनकी भारत से बाहर यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के ऑडिटर को भी समन जारी किया गया है, जिनसे वित्तीय लेन-देन का पता लगाने में जांचकर्ताओं की सहायता करने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को प्रारंभिक जांच के दौरान पहले तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे लंदन में रहने का हवाला देते हुए उपस्थित नहीं हुए। इसके बजाय उन्होंने अपने कानूनी प्रतिनिधि को भेजा, लेकिन ईओडब्ल्यू ने दी गई जानकारी को अपर्याप्त पाया, जिसके कारण एक औपचारिक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई। यह मामला मूल रूप से 14 अगस्त को जुहू पुलिस स्टेशन में लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के 60 वर्षीय निदेशक दीपक कोठारी की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। कोठारी ने आरोप लगाया कि बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक ऋण-सह-निवेश सौदे में 2015 और 2023 के बीच उनके साथ 60.48 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
एफआईआर के अनुसार, कोठारी का परिचय इस जोड़े से 2015 में एक मध्यस्थ राजेश आर्य के माध्यम से हुआ था, जिसने उनके साथ घनिष्ठ संबंध होने का दावा किया था। आर्य ने बेस्ट डील टीवी के लिए 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 75 करोड़ रुपये का भारी-भरकम ऋण लेने के लिए कोठारी से संपर्क किया था। बेस्ट डील टीवी उस समय जीवनशैली, फैशन, स्वास्थ्य और सौंदर्य उत्पादों पर केंद्रित एक ऑनलाइन शॉपिंग और घरेलू खुदरा मंच के रूप में संचालित होता था। बाद में, कथित तौर पर इस व्यवस्था को ऋण से “निवेश” में बदल दिया गया ताकि उच्च कराधान से बचा जा सके और कोठारी को मासिक रिटर्न और मूल राशि के पुनर्भुगतान का वादा किया जा सके।
विवादित राशि 10 करोड़ रुपये से अधिक थी, इसलिए जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई। प्रारंभिक जांच के बाद, आर्थिक अपराध शाखा ने शेट्टी, कुंद्रा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 403 (बेईमानी से संपत्ति की हेराफेरी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (साझा इरादे) के तहत मामला दर्ज किया।
