देश-विदेश

बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान मजबूत कर रहा सैन्य गठजोड़

नई दिल्ली। बांग्लादेश आईएसआई के लिए नया अड्डा बन गया है। बीते कुछ समय में पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकी संगठन की गतिविधियां बांग्लादेश में बढ़ गई हैं। मुहम्मद यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद से पाकिस्तानी अधिकारी लगातार बांग्लादेश की यात्रा कर रहे हैं। भारत की पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेएससी) के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा की चार दिवसीय बांग्लादेश यात्रा पर कड़ी नजर रही। अपनी यात्रा के दौरान, साहिर शमशाद मिर्जा ने मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की।

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इसके अलावा, उन्होंने देश के सैन्य नेतृत्व के साथ भी बैठकें कीं। इन बैठकों से ये तो साफ हो गया है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग गहरा होता जा रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बैठक में आईएसआई का कमांडर भी शामिल रहा।
अधिकारियों का कहना है कि आईएसआई अधिकारियों को इसलिए आमंत्रित किया गया था, ताकि दोनों देश डीजीएफआई के साथ खुफिया जानकारी साझा कर सकें। डीजीएफआई और आईएसआई मिलकर काम करेंगे और ऐसा करने के लिए एक संयुक्त खुफिया तंत्र स्थापित किया गया।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस घटनाक्रम के कारण भारत को हाईअलर्ट पर रहना होगा। आईएसआई और डीजीएफआई का यह संयुक्त तंत्र बंगाल की खाड़ी की निगरानी पर केंद्रित होगा। यह भारत के पूर्वी तट के हवाई क्षेत्र पर भी कड़ी नजर रखेगा। एक और बड़ी घटना ढाका स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के अंदर एक विशेष आईएसआई सेल की स्थापना है। यह सेल आईएसआई, डीजीएफआई और बांग्लादेश की राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया एजेंसी के बीच सहयोग सुनिश्चित करेगा।

एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी ने कहा कि इस सेल का उद्देश्य केवल दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना नहीं है। दोनों का भारत में एक साझा दुश्मन है और उनकी एजेंसियां हमारे हितों के विरुद्ध काम करेंगी। बता दें, शेख हसीना के सत्ता में रहते हुए आईएसआई की उपस्थिति बहुत कम थी। यूनुस के शासनकाल में उसकी उपस्थिति बढ़ी है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अब यह आधिकारिक हो गई है। इसका मतलब है कि उनकी गतिविधियां बिना किसी जांच के चलती रहेंगी।

एक अन्य अधिकारी ने बांग्लादेश की स्थिति की तुलना करते हुए श्रीलंका का उदाहरण दिया। श्रीलंका स्थित उच्चायोग में आईएसआई के अधिकारी मौजूद हैं। उन्होंने दक्षिण भारत में लोगों की घुसपैठ कराने की एक बड़ी साजिश रची थी। हालांकि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साजिश का भंडाफोड़ किया, जिसमें न केवल दक्षिण भारत में मॉड्यूल स्थापित करना शामिल था, बल्कि कई हमलों को अंजाम देना भी शामिल था।

बांग्लादेश में भी इसी तरह की गतिविधियां होंगी, लेकिन मुख्य रूप से पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पाकिस्तान ने बांग्लादेश को तकनीकी और सैन्य मोर्चे पर सहायता की पेशकश की है। इसमें पैदल सेना, तोपखाने प्रणालियों की आपूर्ति, प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त नौसेना और वायु सेना अभ्यास शामिल होंगे। एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि हसीना सरकार के पतन के बाद से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यह नजदीकी सौ गुना बढ़ गई है।

यह निस्संदेह नई दिल्ली के लिए चिंता का एक बड़ा कारण है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि भारत और उसके सशस्त्र बल इस नए संबंध के कारण किसी भी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं, फिर भी यह चिंता का विषय बना रहेगा, क्योंकि अधिकारी अपनी सतर्कता में ढील नहीं दे सकते।

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