
पंजाब सरकार का कड़ा फैसला: अब वेतन से सीधे कटेगा कर्ज़!-पंजाब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए कोऑपरेटिव बैंकों से लिए गए कर्जों की वसूली का नया तरीका निकाला है। अब डिफ़ॉल्टर कर्मचारियों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा!
कैसे काम करेगा ये सिस्टम?सरकारी कर्मचारी अगर कोऑपरेटिव बैंक से कर्ज़ लेकर नहीं चुकाते, तो बैंक उनकी लिस्ट बनाकर लेखा विभाग को भेजेंगे। IHRMS और IFMS जैसे डिजिटल सिस्टम से कर्ज़ की रकम सीधे कर्मचारी के खाते से कट जाएगी। हर विभाग में एक नोडल अफ़सर होगा जो इस पूरी प्रक्रिया पर नज़र रखेगा। ये सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी होगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही कैसे सुनिश्चित होगी?-हर महीने, डीडीओ (Drawing and Disbursing Officer) को वसूली की रिपोर्ट बनाकर बैंक को भेजनी होगी। बैंक IHRMS कोड अपडेट करेगा ताकि पैसे सही खाते से कटें। सॉफ्टवेयर से सैलरी से ऑटोमेटिक कटौती होगी। डीडीओ को हर वेतन बिल के साथ प्रमाणपत्र देना होगा कि कर्मचारी डिफ़ॉल्टर है या नहीं। इससे डीडीओ की जवाबदेही भी तय होगी।
जुलाई 2025 से लागू होगा नया नियम-ये नया नियम जुलाई 2025 से लागू होगा। अगर डीडीओ समय पर वसूली नहीं करते, तो उनका वेतन बिल ही स्वीकार नहीं होगा। सरकार का मकसद है कि कर्मचारी समय पर कर्ज़ चुकाएँ और बैंकों पर बोझ कम हो।
क्या है सरकार का कहना?-सरकार का कहना है कि इस नए सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी और कोऑपरेटिव बैंकों को राहत मिलेगी। साथ ही, ये कर्मचारियों को अपने कर्ज़ों के प्रति ज़िम्मेदार होने के लिए प्रेरित करेगा। अब लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी!