
वंदे मातरम्’ गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित
रायपुर । श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘वंदे मातरम्’ गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सावित्रीबाई फुले ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सामूहिक ‘वंदे मातरम्’ गायन से हुआ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महाराज श्री रविशंकर जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा, शक्ति और संकल्प का प्रतीक है। यह हमें गर्व, एकता और आत्मविश्वास की भावना से जोड़ता है।

कार्यकारी निदेशक प्रो. एस. भट्टाचार्य ने गीत के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे 1875 में ‘बंगदर्शन’ पत्रिका में प्रकाशित किया था, जो आगे चलकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री रोसाना डाल’अर्मेलिना (इटली) — प्रख्यात योग विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद — ने ‘वंदे मातरम्’ के वैश्विक प्रभाव और योग के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन नहीं, बल्कि मनुष्यता की ओर अग्रसर होना है। उन्होंने विद्यार्थियों से योग, ध्यान और प्राणायाम को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया तथा 3-3 मिनट के दो योग प्रयोगों का प्रदर्शन भी किया।
कार्यक्रम का संचालन कला संकाय के योग विभाग द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. कप्तान सिंह ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और राष्ट्र गीत के साथ हुआ।