
आपातकाल की 50वीं बरसी पर राज्यभर में कार्यक्रम, लोकतंत्र सेनानियों को मिलेगा सम्मान
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ: लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि
25 जून को मुख्यमंत्री आवास पर होगा राज्य-स्तरीय समारोह-आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर, उत्तराखंड सरकार ने एक राज्य-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। यह कार्यक्रम 25 जून को मुख्यमंत्री आवास में होगा, जहाँ आपातकाल के दौरान मीसा और डीआईआर के तहत जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर, दिवंगत सेनानियों के परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा और उस दौर के अनुभवों को साझा किया जाएगा। यह एक भावुक और यादगार कार्यक्रम होगा जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने वालों की बहादुरी को याद रखेगा।
राज्य के हर जिले में होंगे कार्यक्रम-मुख्य कार्यक्रम के अलावा, राज्य के सभी जिलों में भी जन-सहभागिता वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। इन कार्यक्रमों में चर्चा और विचार-विमर्श के ज़रिए नागरिकों को आपातकाल के उस दौर की जानकारी दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि युवा पीढ़ी को उस समय की सच्चाई और लोकतंत्र की अहमियत के बारे में बताया जाए। यह पहल युवाओं को देश के इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय से जोड़ने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व को समझने में मदद करेगी।
50 स्थानों पर प्रदर्शनी-आपातकाल के ऐतिहासिक संदर्भों को जीवंत करने के लिए, राज्य भर में 50 जगहों पर प्रदर्शनियाँ लगाई जाएँगी। इन प्रदर्शनियों में उस समय की तस्वीरें, दस्तावेज़ और जानकारी शामिल होंगी ताकि लोग उस दौर की कठिनाइयों और चुनौतियों को समझ सकें। ये प्रदर्शनियाँ सभी के लिए खुली रहेंगी और लोगों को जागरूक करने का काम करेंगी। ये प्रदर्शनियाँ न केवल इतिहास के बारे में जानकारी देंगी बल्कि युवा पीढ़ी को लोकतंत्र की कीमत समझने में भी मदद करेंगी।
सरकार की पहल-भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के कार्यक्रमों की तैयारी शुरू कर दी है। अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई और ज़िम्मेदारियों का बँटवारा किया गया। यह एक समन्वित प्रयास है जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हों और देश के इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय को याद रखा जाए।