
रेड फूड कलर को अमेरिका में किया गया बैन
नई दिल्ली। अमेरिकी ने खाने की चीजों में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक रंग रेड डाई नंबर 3 पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं , खासकर कैंसर के खतरे को देखते हुए लिया गया है। आपको बता दें कि यह फूड कलर काफी समय से विवादों से घिरा हुआ था, लेकिन फूड इंडस्ट्री में इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग तीन हजार से ज्यादा फूड आइटम्स में इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

साल 2022 में एक पेटिशन फाइल की गई थी, जिसमें इस फूड कलर को बैन करने की मांग की गई थी । आइए जानें इस मामले से जुड़ी सभी बातें।
रेड डाई नंबर 3 क्या है?
रेड डाई नंबर 3 एक आर्टिफिशियल फूड कलर है, जो खाने को आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह कई प्रोसेस्ड फूड आइटम्स, जैसे कि कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक और बेकरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। यह रंग खाने को चमकदार लाल रंग प्रदान करता है और उनकी अपील बढ़ाता है।
कैंसर का खतरा क्यों?
कई अध्ययनों ने रेड डाई नंबर 3 और अन्य आर्टिफिशियल फूड कलर को कैंसर के खतरे से जोड़ा है। जानवरों पर किए गए प्रयोगों से पता चला है कि ज्यादा मात्रा में रेड डाई नंबर 3 के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, मनुष्यों में इस संबंध को स्थापित करने के लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।
और भी देशों में है बैन
अमेरिका के अलावा और भी कई देशों में इस रेड डाई का इस्तेमाल पर बैन लगा चुके हैं। यूरोपियन यूनियन ने साल 1994 में इस रंग पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा, जपान, चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी इस रंग पर बैन लगाया हुआ है।
आपको बता दें कि आर्टिफिशियल कलर का काम खाने को सिर्फ आकर्षक बनाना है। इनसे न तो कोई पोषण मिलता है, न खाना लंबे समय तक फ्रेश रहता है। इसलिए इन्हें डाइट से बाहर निकालने में कोई हानि नहीं है। इसलिए आप भी कोशिश करें कि आपके खाने में कम से कम फूड कलर का इस्तेमाल हो और अगर इस्तेमाल ही न हो, तो सबसे अच्छा।
कंज्यूमर क्या कर सकते हैं?
लेबल पढ़ें- फूड्स खरीदते समय लेबल को ध्यान से पढ़ें और उन प्रोडक्ट्स को चुनें जिनमें आर्टिफिशियल रंग न हों।
नेचुरल फूड्स को प्राथमिकता दें- जितना हो सके नेचुरल चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।