
रिलायंस डिफेंस: 600 करोड़ का ऑर्डर और शेयरों में उछाल!-रिलायंस डिफेंस ने हाल ही में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है जिससे कंपनी के शेयरों में तेज़ी देखने को मिली है। जर्मनी की दिग्गज कंपनी Rheinmetall से 600 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिलने से निवेशकों का उत्साह बढ़ गया है।
रिलायंस के शेयरों में उछाल-रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में गुरुवार को 3.33% की बढ़ोतरी देखी गई। बीएसई पर यह 417.50 रुपये पर बंद हुआ, और दिन में 424 रुपये तक पहुँच गया जो 52 हफ़्ते का उच्चतम स्तर है। एनएसई पर भी शेयरों में 3.29% की तेज़ी आई। लगातार बढ़ते शेयरों से निवेशकों का भरोसा मज़बूत हुआ है और कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक रुझान दिखाई दे रहा है। यह बढ़ोतरी Rheinmetall से मिले ऑर्डर की वजह से है।
600 करोड़ का एक्सपोर्ट ऑर्डर-यह 600 करोड़ रुपये का ऑर्डर Rheinmetall Waffe Munition GmbH से मिला है। इस ऑर्डर के तहत रिलायंस डिफेंस गोला-बारूद और आर्टिलरी शेल्स की सप्लाई करेगी। यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और देश की रक्षा क्षमता को मज़बूत करने में योगदान देगा। इससे देश में रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह सौदा भारत के रक्षा निर्यात में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
पिछले महीने 42% की बढ़ोतरी-पिछले एक महीने में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 42% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है। निवेशकों में कंपनी की ग्रोथ और डिफेंस से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स को लेकर सकारात्मक भावना है। लगातार हो रहे नए करार और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ शेयर बाज़ार में कंपनी की स्थिति को मज़बूत कर रही हैं। यह निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
महाराष्ट्र में नया निर्माण प्लांट-रिलायंस डिफेंस और Rheinmetall के बीच हुए समझौते के तहत महाराष्ट्र में एक नया उत्पादन केंद्र स्थापित किया जाएगा। यहाँ आर्टिलरी गोला-बारूद और अन्य विस्फोटक वस्तुएँ बनाई जाएँगी, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में निर्यात किया जाएगा। इससे न केवल रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
हाई-टेक एम्युनिशन सेक्टर में बड़ी डील-यह डील हाई-टेक डिफेंस एम्युनिशन के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी निर्यात डील में से एक है। यह करार रिलायंस डिफेंस और Rheinmetall के बीच मज़बूत रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। दोनों कंपनियों का लक्ष्य वैश्विक बाज़ारों में मिलकर भारतीय तकनीक और निर्माण को आगे बढ़ाना है। यह एक ऐतिहासिक समझौता है।
यूरोप में मज़बूत पकड़-इस डील से रिलायंस डिफेंस ने यूरोप में अपनी रणनीति को मज़बूत किया है। कंपनी का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीय सप्लायर बनना है। यूरोपीय देशों में रक्षा उपकरणों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह डील कंपनी के लिए एक बड़ा अवसर है। यह एक बड़ी सफलता है।
टॉप 3 रक्षा निर्यातकों में शामिल होने का लक्ष्य-रिलायंस डिफेंस का लक्ष्य भारत के शीर्ष 3 रक्षा निर्यातकों में शामिल होना है। यह नई डील इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर इसी तरह विदेशी ऑर्डर मिलते रहे, तो आने वाले समय में रिलायंस डिफेंस भारत की रक्षा उद्योग की तस्वीर बदल सकती है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।