
नई दिल्ली। प्रकृति रहस्यों से भरी हुई है, और इसमें ऐसे अनोखे जीव मौजूद हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे! ऐसा ही एक अद्भुत जीव है रिबन ईल , जो उम्र बढ़ने के साथ अपना जेंडर बदल लेता है!

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जी हां, यह समुद्री जीव पहले नर के रूप में जन्म लेता है और बाद में मादा में बदल जाता है। यह अनोखी प्रक्रिया इसे समुद्र की दुनिया में और भी खास बनाती है। आइए, जानते हैं इस रहस्यमयी जीव के बारे में और दिलचस्प बातें!
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क्या है रिबन ईल?
- रिबन ईल एक सुंदर और अनोखा समुद्री जीव है, जो सामान्य ईल मछली से अलग होता है। इसका वैज्ञानिक नाम Rhinomuraena quaesita है और यह मुख्य रूप से हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के गर्म पानी वाले इलाकों में पाया जाता है।
- इसकी बॉडी लंबी और पतली होती है, जो एक रिबन (फीते) जैसी दिखती है, इसलिए इसे “रिबन ईल” कहा जाता है।
- इसकी सबसे खास पहचान है चमकीले रंग, जो उम्र के साथ बदलते रहते हैं।
- यह आमतौर पर चट्टानों और कोरल रीफ में छिपकर रहता है और छोटी मछलियों व समुद्री कीड़ों को खाकर अपना पेट भरता है।
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कैसे बदलता है रिबन ईल का जेंडर?
रिबन ईल का जीवन तीन चरणों में बंटा होता है, जिसमें उसका रंग और जेंडर दोनों बदलते हैं!
1) ब्लैक (काला) – किशोर अवस्था
- जब रिबन ईल छोटा होता है, तो इसका रंग पूरी तरह काला होता है।
- इस समय यह एक युवा नर के रूप में होता है।
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2) ब्लू (नीला) – वयस्क नर
- जब यह बड़ा होता है, तो इसका रंग गहरे नीले रंग में बदल जाता है और यह एक पूरा नर (Male) बन जाता है।
- इस स्टेज में यह प्रजनन के लिए तैयार होता है।
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3) येलो (पीला) – मादा
- जब रिबन ईल और अधिक बूढ़ा हो जाता है, तो इसका शरीर धीरे-धीरे पीले रंग में बदल जाता है।
- इसी के साथ यह अब मादा में बदल जाता है और अंडे देने के लिए तैयार हो जाता है!
- यानी हर रिबन ईल अपने जीवन की शुरुआत नर के रूप में करता है और बाद में मादा बन जाता है।
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क्यों बदलता है रिबन ईल अपना जेंडर?
- प्रकृति में कुछ जीवों में “सिक्वेंशियल हर्माफ्रोडिटिज्म” नामक प्रक्रिया होती है, जिसमें जीव अपना जेंडर बदल सकते हैं।
- रिबन ईल के मामले में, समुद्र में मादाओं की संख्या बहुत कम होती है, इसलिए जब एक नर (Male) ईल अधिक उम्र में पहुंचता है, तो वह खुद को मादा (Female) में बदल लेता है, ताकि प्रजनन की प्रक्रिया जारी रहे।
- इससे इनकी आबादी बनी रहती है और इनका अस्तित्व खतरे में नहीं पड़ता।
- यह प्रकृति का एक अनोखा तरीका है जीवों की संख्या संतुलित रखने का!
कहां पाया जाता है यह अनोखा जीव?
रिबन ईल मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक रीजन में पाया जाता है, यानी –
- इंडोनेशिया
- फिलीपींस
- मालदीव
- ऑस्ट्रेलिया के कोरल रीफ
- भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
ये आमतौर पर 30 से 60 मीटर गहरे समुद्र में रहते हैं और रेतीली व कोरल रीफ में छिपकर शिकार करते हैं।
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जानें और भी दिलचस्प फैक्ट्स
- रिबन ईल 20 साल तक जी सकता है!
- यह इतना लचीला होता है कि छोटे-छोटे छेदों से भी निकल सकता है।
- यह पानी के अंदर रहकर सूंघने की गजब की क्षमता रखता है, जिससे यह दूर से ही शिकार का पता लगा लेता है।
- इसकी जीभ सांप की जीभ की तरह दो भागों में बंटी होती है!
- कुछ लोग इसे अपने एक्वेरियम में भी रखते हैं, लेकिन इसकी देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है।
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