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शुभमन गिल का खेल दिखा असरदार, भारत के आत्मविश्वास को मिला नया जोश

शुभमन गिल: भारतीय क्रिकेट का नया भरोसेमंद सितारा वनडे क्रिकेट में इन दिनों शुभमन गिल के खेल में एक अलग ही आत्मविश्वास नजर आ रहा है। ऐसा लगता है जैसे उनके कंधों पर कोई अदृश्य सुरक्षा कवच है, जो उन्हें हर परिस्थिति में मजबूती से टिके रहने का हौसला देता है। सामने कौन सी टीम है और हालात कैसे हैं, इससे उनके खेल पर कोई असर नहीं पड़ता। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन करने के बाद, गिल को अब चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ दुबई में एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा। पिच धीमी थी, गेंदबाज लगातार उन्हें परखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गिल ने संयम से बल्लेबाजी करते हुए अपना आठवां वनडे शतक जड़ा और भारत को छह विकेट से जीत दिलाई। भले ही यह शतक 125 गेंदों में आया और उनकी सबसे धीमी सेंचुरी रही, लेकिन शायद यह उनके करियर की सबसे अहम पारियों में से एक थी। इस पारी ने यह साबित कर दिया कि शुभमन गिल अब हर परिस्थिति में खेलने वाले भरोसेमंद बल्लेबाज बन गए हैं।

नई पीढ़ी का जिम्मेदार खिलाड़ी

गिल की यह फॉर्म भारत के लिए एक अच्छा संकेत है, खासकर तब जब विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज अपने करियर के अंतिम दौर में हैं। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ आने वाले बड़े मुकाबलों में गिल का यह फॉर्म भारत के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। गिल की बल्लेबाजी की झलक मैच के दौरान उनके कुछ शानदार शॉट्स में भी दिखी। तेज गेंदबाज तंज़ीम हसन के खिलाफ खेला गया जोरदार पुल शॉट और उसी गेंदबाज के खिलाफ कवर्स के ऊपर से लगाया गया शानदार चौका, उनकी बेहतरीन टाइमिंग और तकनीक का सबूत था।

लेकिन इस पारी में असली खासियत उनकी मानसिकता में दिखी। जब रोहित शर्मा (41) 10वें ओवर में आउट हुए, तब गिल 23 गेंदों में 26 रन बना चुके थे और ऐसा लग रहा था कि वह जल्द ही आक्रामक बल्लेबाजी शुरू कर देंगे। लेकिन उन्होंने खुद को संयमित रखा। इसके बाद उनका अगला चौका सीधे 33वें ओवर में आया, जब तस्किन अहमद दोबारा गेंदबाजी करने आए। इस बीच गिल ने सिर्फ सिंगल-डबल लेकर स्ट्राइक रोटेट की और यह सुनिश्चित किया कि रोहित की तेज शुरुआत बेकार न जाए। इस फेज में उन्होंने 52 गेंदों में सिर्फ 30 रन बनाए, जिससे उनकी मैच की परिस्थितियों को समझने की क्षमता साफ झलकी। यही वजह रही कि उन्होंने इस पारी को अपने सबसे संतोषजनक प्रदर्शनों में से एक बताया। “यह मेरी सबसे संतोषजनक पारियों में से एक थी। बाहर से संदेश आया था कि मुझे अंत तक टिके रहना है और मैंने वही करने की कोशिश की,” गिल ने मैच के बाद कहा। रोहित शर्मा भी गिल की इस परिपक्व बल्लेबाजी से काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा, “गिल शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं और उन्होंने जिस तरह से यह पारी खेली, वह किसी को चौंकाने वाली नहीं होनी चाहिए। सबसे अच्छी बात यह थी कि वह अंत तक टिके रहे।”

खेल की रणनीति में बदलाव

गिल की इस पारी में एक खास बात यह भी रही कि उन्होंने अपनी सामान्य बल्लेबाजी शैली से थोड़ा अलग खेल दिखाया। आमतौर पर वह तेज गेंदबाजों के खिलाफ क्रीज पर टिककर खेलते हैं और ड्राइव, फ्लिक या पुल शॉट लगाते हैं ताकि जोखिम कम रहे। लेकिन इस बार उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी आगे बढ़कर खेलने की रणनीति अपनाई। “कट शॉट खेलना आसान नहीं था क्योंकि बाहर जाती गेंदें सही से बल्ले पर नहीं आ रही थीं। इसलिए मैंने सोचा कि तेज गेंदबाजों के खिलाफ आगे बढ़कर खेलूं और गेंद को ऊपर से मारने की कोशिश करूं,” गिल ने अपनी रणनीति के बारे में बताया। गिल की यह मैच परिस्थितियों के हिसाब से ढलने की क्षमता भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में बहुत मददगार साबित होगी, खासकर जब दुबई की पिचें धीमी और चुनौतीपूर्ण लग रही हैं। पाकिस्तान की टीम में अबरार अहमद के रूप में केवल एक प्रमुख स्पिनर है, लेकिन न्यूजीलैंड के पास मिशेल सैंटनर और माइकल ब्रेसवेल जैसे दो शानदार स्पिनर हैं, जो हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ कराची की सपाट पिच पर भी शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन अब भारतीय टीम को इस चुनौती से निपटने के लिए ज्यादा आत्मविश्वास होगा—क्योंकि शुभमन गिल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह किसी भी परिस्थिति में टीम की पारी संभाल सकते हैं।

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