Special Reports : फिर लौटा वादा और आश्वासनों का दौर
फिर लौटा वादा और आश्वासनों का दौर
प्रतिदिन राजधानी, रायपुर । लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल अब रणभेदी पर तैयारी शुरू कर दी है। प्रत्याशियों की घोषणा शुरू हो चुकी है, मतदाताओं को नई संसद की तलाश के लिए नाम का इंतजार है। ऐसे दौर में एक बार फिर वादों और आश्वासनों का दौर लौट रहा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है । विधानसभा चुनाव के अंदर की गई घोषणाओं के अनुरूप साय सरकार काम करना शुरू कर दिया है। भरोसा जीता जा रहा है, मतदाताओं में भी मोदी को लेकर एक उत्साह का वातावरण बना है। राम मंदिर निर्माण के बाद पूरे देश का माहौल बदल गया है, ऐसे में कांग्रेस के पास बहुत बड़ी चुनौती है कि किन मुद्दों को लेकर लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती पेश करें। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मुद्दों पर अंतर होता है। देश के लिए होने वाले चुनाव में मुद्दे राष्ट्रीय स्तर के होते हैं और क्षेत्रीय स्तर के मुद्दे शामिल किए जाते हैं। फिलहाल भाजपा के पास मुद्दे हैं जिन पर लोकसभा चुनाव की तैयारी की जा रही है। मोदी का चेहरा एक बड़ा मुद्दा है। इसलिए अब की बार 400 के पार का नारा डिफिकल्ट नहीं लगता, जिस तरीके से पिछले दिनों इंडिया गठबंधन में टूट-फूट हुई है ऐसे में चुनौती दे पाना कांग्रेस के लिए विशेषज्ञ का प्रमाण होगा। राज्य में 11 लोकसभा सीट है जिसमें भाजपा के पास 9 और कांग्रेस के पास दो सांसद हैं। इसलिए 11 का आंकड़ा पार कर पाना छत्तीसगढ़ में मुश्किल नहीं है। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस मजबूत नहीं हो पाई है। परिणाम के बाद से लोकसभा की तैयारी को लेकर जो विशेषता दिखाई पड़ी थी वह गायब हो गई है। कांग्रेस के नेता में समन्वय की दृष्टि नजर नहीं आ रही है। राजस्थान के प्रभारी छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है पर क्या दोहरा नेतृत्व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जीत दिला पाएगा यह एक बड़ा सवाल है।
आज चर्चा की कलम में हम मुद्दों की बातचीत कर रहे हैं। भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर महतारी वंदन योजना के मुद्दे पर राशन कार्ड सहित युवाओं को रोजगार के मामले में मेनिफेस्टो तैयार कर रही है। आम मतदाता उत्सुक है कि लोकसभा के मेनिफेस्टो में भाजपा क्या घोषणा कर सकती है। संभावनाओं से भरपूर प्रदेश की आम जनता गर्मी के मौसम में एक बार फिर वादा के भरोसे मतदान करने के लिए तैयारी कर रही है। वहीं प्रत्याशियों को इंतजार है। एक दैनिक अखबार में भाजपा की लिस्ट ब्रेक की है, उस लिस्ट के मुताबिक कई नए चेहरे सामने आ रहे हैं और कई की टिकट कट रही है, ऐसे में क्या नए चेहरों को भाजपा के उम्मीदवार के रूप में आप जनता स्वीकार कर पाएगी, यह भी एक बड़ा पक्ष है। विधानसभा में क्षेत्र के हिसाब से जनता ने चुन लिया और बहुमत दिया लेकिन लोकसभा में काफी अंतर है। सांसद चुनाव करना है, देश की सरकार तय होगी। इसलिए आम मतदाता भी भरोसा के साथ भरोसेमंद को वोट करने की तैयारी कर रहा है।
केंद्र सरकार में छत्तीसगढ़ से कैबिनेट मंत्री नहीं मिला है यह भी एक बड़ा मुद्दा है, कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से सांसद तैयार करती है मगर मंत्री पद नहीं मिल पता। क्या हमारे सांसदों में काबिलियत नहीं है। इस बार यह भी एक बड़ा मुद्दा है कि 2024 की नई सरकार में छत्तीसगढ़ से किसे कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है, क्या कांग्रेस वापस सत्ता में आ सकती है। इंडिया गठबंधन के प्रभाव से तो फिलहाल नजर नहीं आता। राहुल गांधी भारत छोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं असर पड़ेगा लेकिन प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर इंडिया कठबंधन में समन्वय नहीं। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का चेहरा आमदाताओं ने स्वीकार नहीं किया है । इंडिया गठबंधन में भी एक राय नहीं हो पाई है, फिर चुनाव की बारी में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की जीत कैसे सुनिश्चित होगी यह तो तय करने की बात है। मोदी देश के अलग-अलग राज्यों में दौरा कर घोषणाएं कर रहे हैं, पैकेज दे रहे हैं। ऐसे में राज्य की सरकारी भी अब तैयारी कर रही है। पश्चिम बंगाल में मोदी सरकार को बड़ी चुनौती है। ममता बनर्जी की चुनौती को मोदी कैसे पार करेंगे यह तो परिणाम में देख पाएगा। फिलहाल छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तैयारी में सांसद प्रत्याशी ने जनसंपर्क शुरू कर दिया है , वादा और घोषणाएं शुरू कर दी हैं।