
Sunday Holiday: पूरे हफ्ते की भागदौड़ के बीच परिवार के साथ एक दिन, जानिए क्यों होती है रविवार की छुट्टी
पूरे हफ्ते स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई करने और ऑफिस जाने के बाद लोग बेसब्री से संडे का इंतजार करते हैं. कोई पार्टी करने की योजना बनाता है, कोई घूमने या मूवी देखने की तो किसी को इस दिन सिर्फ सोना होता है. आराम और उम्मीदों का दिन है रविवार. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रविवार के दिन ही छुट्टी क्यों होती है? अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसके बारे में जानकारी देंगे-

रविवार को छुट्टी की परंपरा भारत की नहीं है बल्कि दूसरे देशों की है. मुख्य तौर पर यूरोप में ईसाई धर्म के लोग इस दिन काम की बजाय चर्च में प्रार्थना करने जाते थे. ऐसे में रविवार की छुट्टी का यह एक धार्मिक और ऐतिहासिक कारण है. बाइबिल में भी इस दिन का धार्मिक तौर पर खास जिक्र किया गया है.
भारत में ऐसे शुरू हुई रविवार की छुट्टी
रविवार को छुट्टी की परंपरा भारत में पहले नहीं थी. लोग पूरे सप्ताह काम करते थे लेकिन बाद में अंग्रेजी सरकार से मजदूरों के नेताओं ने इस दिन छुट्टी की मांग की. इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत के समय इस दिन छुट्टी की परंपरा शुरू हो गई. आज के दिन भारत में लोग अपने खास दोस्त, रिश्तेदारों से मिलते हैं उनसे बात करते हैं, घूमने जाते हैं और मस्ती करते हैं. पूरे हफ्ते अपने बच्चे और परिवार को समय न दे पाने लोग इस दिन अपना समय परिवार के साथ बिताते हैं.
पूरी दुनिया फरमाती है संडे को आराम
इस दिन दुनिया के ज्यादातर देशों में अवकाश होता है. काम से लेकर स्कूल और कॉलेज तक इस दिन बंद होते हैं. लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं. अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था यानी ISO के अनुसार रविवार को सप्ताह का आखिरी दिन माना गया है. हालांकि ऐसा नहीं है कि शुरुआत से ही इस दिन हर देश छुट्टी मनाता था. दूसरे देशों को देखकर धीरे-धीरे यह परंपरा अन्य देशों ने भी अपना ली.