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कोटपूतली में चेतना को बचाने की जद्दोजहद का चौथा दिन उम्मीद भरा

कोटपूतली  । सात सौ फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चौथे दिन भी जारी है। खोदाई शुरू हुए 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है। उत्तराखंड से रैट माइनर्स की टीम पहुंच चुकी है। उनको 160 फीट नीचे उतारने की योजना है। टीम वहां से सुरंग खोदकर चेतना तक पहुंचने की कोशिश करेगी। आज का दिन उम्मीद भरा है।

पाइलिंग मशीन से खोदाई के दौरान पत्थर आने के कारण ऑपरेशन रोकना पड़ा। आज सुबह छह बजे दूसरी पाइलिंग मशीन लगाकर खोदाई दोबारा शुरू की गई। एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश मीणा ने बताया कि 155 फीट की गहराई पर पत्थर मिलने के बाद मशीन की बिट बदलकर 160 फीट तक खोदाई पूरी कर ली गई। 170 फीट की गहराई तक पहुंचने के बाद हॉरिजेंटल खोदाई मैनुअल की जाएगी। उम्मीद है कि बच्ची को आज रेस्क्यू कर लिया जाएगा।

चेतना सोमवार दोपहर करीब दो बजे किरतपुर के बड़ियाली की ढाणी में खेलते हुए बोरवेल में गिर गई थी। मंगलवार शाम तक उसे निकालने के लिए देसी जुगाड़ से चार बार कोशिश की गई। मगर सभी प्रयास विफल रहे। चेतना 46 घंटे से 120 फीट गहराई पर एक हुक के सहारे अटकी हुई है। दो दिन से बच्ची का कैमरे पर कोई मूवमेंट नहीं दिख रहा। बच्ची भूखी-प्यासी है। परिवार व ग्रामीण रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर नाराज हैं। बुधवार देररात जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल पहली बार घटनास्थल पर पहुंचीं।

कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने ऑपरेशन की निगरानी के बाद बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन एक पल के लिए भी नहीं रुका है। एनडीआरएफ की टीम पहले भी ऐसे ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है। पाइलिंग मशीन के आने में समय इसलिए लगा क्योंकि इसे लाने के लिए सड़कें बनानी पड़ीं और कई बिजली के पोल हटाने पड़े।

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