उत्तराखण्ड

पलायन से वीरान हाे चुके नैनीताल के 60 गांवाें काे हाेम स्टे में बदलेगी सरकार

-पहाड़ की परंपरागत शैली में किया जाएगा विकास

नैनीताल। नैनीताल जिले के 60 गांवों में स्थानीय लोगों के पलायन करने के कारण वीरान पड़ी बाखलियों यानी घरों की श्रृंखला या कहें कि पहाड़ की पारंपरिक आवासीय कॉलोनियों को होम स्टे योजना के तहत आबाद करने की जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग योजना बना रहा है। इस उद्देश्य से बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडे ने होटलों और होम स्टे संचालकों के साथ बैठक कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की।

सीडीओ अशोक कुमार पांडे ने बताया कि ‘विरासत योजना’ के तहत जिले के 60 गांवों को चिन्हित किया गया है, जहां की बाखलियों में रहने वाले लोग पलायन कर चुके हैं। सरकार की इच्छा है कि इन खाली पड़ी बाखलियों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने बताया कि वीरान पड़ी बाखलियों को होम स्टे योजना से जोड़कर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। होटल और होम स्टे संचालकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने होटलों के आसपास स्थित उन गांवों की जानकारी दें जहां से लोग पलायन कर चुके हैं। साथ ही इन गांवों में सैलानियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को लेकर भी सुझाव मांगे गए हैं, ताकि होम स्टे योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।

इस योजना के अंतर्गत महिला समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें होम स्टे संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। बैठक में उपस्थित जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने ‘विरासत योजना’ की विस्तृत जानकारी साझा की। बैठक में नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट, विनोद गुणवंत, राजेंद्र प्रसाद कपिल, जुगल मठपाल, केसी सुयाल सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।

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