
हर साल 24 मार्च को ही क्यों मानते हैं विश्व टीबी दिवस
नई दिल्ली। साल 24 मार्च को ‘विश्व टीबी दिवस’ मनाया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तारीख को ही क्यों चुना गया? जी हां, आखिर टीबी से जुड़ी जागरूकता फैलाने के लिए यही दिन क्यों तय किया गया?

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बता दें, टीबी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेती है। हालांकि, यह बीमारी पूरी तरह से इलाज योग्य है और इसे रोका भी जा सकता है, लेकिन इसके लिए सही समय पर इसकी पहचान और इलाज के लिए आगे बढ़ना जरूरी है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य संस्थाएं इस दिन को मनाकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने की कोशिश करती हैं। आइए जानते हैं कि 24 मार्च को ही ‘विश्व टीबी दिवस’ क्यों मनाया जाता है , इसका इतिहास क्या है और साल इस दिवस को लेकर क्या थीम रखी गई है।
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क्यों मनाया जाता है विश्व टीबी दिवस?
विश्व टीबी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को टीबी की गंभीरता के बारे में जागरूक करना और इसके रोकथाम और इलाज को बढ़ावा देना है। इस दिन विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों, सरकारों और चिकित्सा संस्थानों द्वारा टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव से जुड़ी जानकारी दी जाती है, ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
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24 मार्च को ही क्यों मनाते हैं World TB Day?
24 मार्च 1882 को डॉ. रॉबर्ट कोच (Dr. Robert Koch) ने टीबी का कारण बनने वाले माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी। यह खोज चिकित्सा जगत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इससे टीबी के इलाज का रास्ता खुला।
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डॉ. कोच की इस ऐतिहासिक खोज की याद में 1982 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज (IUATLD) ने मिलकर हर साल 24 मार्च को ‘विश्व टीबी दिवस’ मनाने का निर्णय लिया।
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टीबी क्या है और यह कैसे फैलती है?
टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो टीबी बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती है।
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टीबी हवा के जरिए फैलता है। जब टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या जोर से बोलता है, तो बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं।
अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति उसी हवा में सांस लेता है, तो उसे भी टीबी हो सकती है।
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टीबी कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को जल्दी प्रभावित करती है।
टीबी के सामान्य लक्षण
- 2 हफ्तों से ज्यादा समय तक लगातार खांसी रहना
- बलगम में खून आना
- वजन कम होना
- रात में पसीना आना
- तेज बुखार और ठंड लगना
- भूख न लगना
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अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- विश्व टीबी दिवस 2025 की थीम
- हर साल विश्व टीबी दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, जो टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित होती है। 2025 की थीम “Yes! We Can End TB!” पर आधारित है, जिसका मतलब है कि हम सभी मिलकर इस बीमारी को खत्म कर सकते हैं। बता दें, भारत सरकार ने साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत (TB Free India) बनाने का लक्ष्य रखा है।
टीबी से बचाव के 5 तरीके
- बीसीजी वैक्सीन लगवाएं: बच्चों को टीबी से बचाने के लिए यह वैक्सीन जरूरी है।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें: अगर किसी को टीबी है, तो उसके बहुत करीब न जाएं।
- मास्क पहनें और स्वच्छता बनाए रखें: खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें और मास्क पहनें।
- इम्युनिटी मजबूत करें: पौष्टिक डाइट लें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
- टीबी के लक्षण दिखें तो तुरंत टेस्ट कराएं: जल्दी पहचान होने पर इलाज आसान होता है।
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‘विश्व टीबी दिवस’ सिर्फ एक जागरूकता दिवस नहीं, बल्कि टीबी को खत्म करने की दिशा में एक वैश्विक संकल्प है। 24 मार्च का दिन हमें याद दिलाता है कि टीबी एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन समय पर सतर्कता बरतकर और सही कदम उठाकर इसे पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।
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