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श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में वरीष्ठजन देखभाल पहल को मजबूत करने पर हुई कार्यशाला

रायपुर।श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी, रायपुर में भारतीय सहायक प्रौद्योगिकी संघ (IAAT) द्वारा प्रायोजित “स्ट्रेंथनिंग सीनियर केयर इनिशिएटिव, इन्क्लुडिंग इम्प्रूविंग एक्सेस टू एस्सेस्टिव टेक्नोलॉजी” पर एक शोधपरक एक-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बुजुर्ग आबादी के लिए सहायक प्रौद्योगिकी तक पहुँच बढ़ाने के तरीकों की खोज करना था।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, राजेश तिवारी ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया, और वरीष्ठजन देखभाल पहल को आगे बढ़ाने में उनकी भागीदारी और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम के दौरान, श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एस. के. सिंह ने 2018 में अपनी स्थापना के बाद से संस्थान के विकास और शैक्षिक पहलों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। कुलपति ने यूनिवर्सिटी में इस महत्वपूर्ण कार्यशाला के सफल आयोजन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए समाज के वरिष्ट नागरिकों के प्रति संवेदना पूर्ण संकल्प की आवश्यकता पर बल दिया।


एशियाई विकास बैंक (ए.डी.बी) में सहायक देखभाल एवं प्रौद्योगिकी के वरिष्ठ सलाहकार  चपल खासनबीस ने प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से वरिष्ठ व्यक्तियों के देखभाल में सुधार के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय प्रयासों में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।
स्वास्थ्य और पुनर्वास प्रौद्योगिकी (HeaRT) के तकनीकी प्रमुख डॉ. पतंजलि देव नायर ने वरीष्ठ नागरिकों के दैनिक जीवन में सहायक उपकरणों और प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किये।कार्यशाला में इंटरैक्टिव सत्र भी शामिल था, जिसमें यूनिवर्सिटी के कला संकाय के विद्यार्थी साक्षात्कार के माध्यम से सीधे वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े और गहन विश्लेषण करके बुजुर्गों के कल्याण के लिए प्रभावी नीतियाँ तैयार करने के उद्देश्य से एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट एक शोधपरक प्रयास है , जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं के प्रभाव और पहुँच का आकलन करने के लिए विश्लेषण किया गया, इसीप्रकार का विश्लेषण छत्तीसगढ़ के साथ मिजोरम और कर्नाटक में डेटा संग्रह और फील्डवर्क के माध्यम से होना है । कार्यशाला के शोध निष्कर्षों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट वरिष्ठ नागरिकों की बेहतर सेवा के लिए नीतियाँ बनाने में परामर्श के लिए भारत सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। कार्यशाला का आयोजन कला संकाय के समाजशास्त्र विभाग और यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया था, जिसकी समन्वयक डॉ. अंजलि यादव थी। इस कार्यशाला ने जागरूकता, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी एजेंसियों और समुदाय के बीच सहयोग के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के उप निदेशक डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल ने कार्यशाला के संचार प्रयासों का समन्वय किया और यह सुनिश्चित किया कि स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया और अंतर्दृष्टि के विश्लेषण में एकीकृत प्रयास किया जाए। छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक श्री नदीम काजी ने भी कार्यशाला में भाग लिया और राज्य की योजनाओं के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जानकारी दी।

कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. मनीष पाण्डेय ने सभी अतिथियों और वरीष्ठ नागरिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया और डॉ. सागर साहू (सहायक व्याख्याता) ने अत्यंत जीवंत मंच संचालन किया। कार्यशाला में डीन एकेडेमिक्स डॉ. आर. आर. एल. बिराली , उप-कुलसचिव(एच.आर) श्री मनोज सिंह और कला संकाय के सभी प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

 

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