

आसपास मौजूद लोगों ने बच्चे को तुरंत नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया। वहां इलाज नहीं हो पाया तो उसे बच्चों के अस्पताल ले गए। लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने भी इलाज करने से मना कर दिया। तब बच्चे को अंबेडकर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान रात 8 बजे उसकी मौत हो गई।ये खबर भी पढ़ें : TVS EXCEL Xl100 बन रही है लोगो की सबसे अच्छी पसंद – Pratidin Rajdhani
पुष्कर जोर से चीखा, तब मैंने मोपेड रोकी। देखा तो उसके गले से खून बह रहा था। कपड़ा खून से रंग गया। मैंने हड़बड़ा कर मोपेड खड़ी की। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं रोने लगा। आसपास वाले दौड़कर आए। पुष्कर को उठाकर ऑटो में बिठाया और नजदीक के अस्पताल ले गए। वहां इलाज करने से मना कर दिए। तब उसे बैरनबाजार के बच्चों के बड़े अस्पताल ले गए। वहां इलाज के लिए जरूरी संसाधन नहीं होने की बात कही गई। तब मैं पुष्कर को उठाकर अंबेडकर अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। ऐसा लग रहा है कि हमारी पूरी जिंदगी ही खत्म हो गई है।ये खबर भी पढ़ें : फिल्म ‘लवयापा’ में शास्त्रीय नृत्य करती नजर आएंगी खुशी कपूर