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उच्च-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि की वजह से बढ़ा बीमारियों का खतरा

उच्च-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि की वजह से बढ़ा बीमारियों का खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि वयस्कों को प्रति सप्ताह 150 मिनट मध्यम-तीव्रता या 75 मिनट उच्च-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि या इसके समान शारीरिक रूप से सक्रिय रहना होगा।

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शारीरिक सक्रियता न होने की वजह से वयस्कों के लिए गैर-संचारी बीमारियों, जैसे कि दिल का दौरा और स्ट्रोक, टाइप 2 मधुमेह, मनोभ्रंश, और स्तन व मलाशय कैंसर समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आने का जोखिम बढ़ जाता है।

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एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2010 और 2022 के दौरान, वयस्कों में शारीरिक निष्क्रियता के मामलों में करीब 5 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो 2030 तक निष्क्रियता का स्तर बढ़कर 35 प्रतिशत तक पहुंच जाने की संभावना है। मौजूदा रुझान बताते हैं कि फिलहाल 2030 तक शारीरिक निष्क्रियता को कम करने का वैश्विक लक्ष्य पहुंच से दूर है।

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WHO महानिदेशक डॉ. टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि ये निष्कर्ष, कैंसर और हृदय रोग में कमी लाने और शारीरिक गतिविधि में वृद्धि के जरिए मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण को बेहतर बनाने के एक खोए हुए अवसर को रेखांकित करते हैं।

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उन्होंने कहा कि इस चिंताजनक रुझान को उलटने के लिए शारीरिक गतिविधि का स्तर बढ़ाना और निडर कदमों को प्राथमिकता देना अहम है। इस क्रम में मजबूत नीतियों को अपनाया जाना और निवेश के स्तर में वृद्धि करना जरूरी होगा।

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