
एआई के क्षेत्र में अमेरिका बहुत आगे: ट्रंप
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के नियमों को एक जगह से नियंत्रित यानी सेंट्रलाइज करना है। उनका कहना है कि अलग–अलग राज्यों के अपने नियम होने से तकनीकी विकास धीमा पड़ सकता है और चीन के मुकाबले अमेरिका की बढ़त को खतरा हो सकता है। आदेश पर हस्ताक्षर करते समय ट्रंप ने कहा कि एआई के क्षेत्र में अमेरिका बहुत आगे है। हमारे पास एक ज़बरदस्त इंडस्ट्री है, जहां हम चीन से और बाकी देशों से बहुत आगे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा वैश्विक मुकाबला है और इसमें जीत किसी एक की ही होगी,या अमेरिका की या चीन की। फिलहाल अमेरिका बहुत आगे चल रहा है। इस आदेश के ज़रिए सरकार चाहती है कि पूरे देश में एआई के लिए एक ही राष्ट्रीय ढांचा बने। प्रशासन का कहना है कि अगर हर राज्य के अलग नियम होंगे, तो डेटा सेंटर, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश रुक सकता है।
ट्रंप ने कहा कि अगर कंपनियों को 50 राज्यों से अलग–अलग मंजूरी लेनी पड़े, तो विकास असंभव हो जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एआई का नेतृत्व आर्थिक विकास, रोजगार, राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी क्षमता से सीधा जुड़ा है। इसलिए ज़रूरी है कि यह व्यवस्था एक ही राष्ट्रीय ढांचे में चले।
समारोह में डेविड सैक्स ने कहा कि राज्यों में एआई पर बहुत तेजी से कानून बनाए जा रहे हैं। हजार से ज़्यादा प्रस्ताव आ चुके हैं और सौ से अधिक पास भी हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनॉय में हैं। सैक्स ने कहा कि संघीय सरकार संसद के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय ढांचा तैयार करेगी और अत्यधिक सख्त राज्य स्तरीय नियमों पर रोक लगाएगी, जबकि बच्चों की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आवश्यक प्रावधान बनाए रखे जाएंगे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने एआई को राजनीतिक मूल्यों की लड़ाई भी बताया। ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका ने एआई विकास धीमा किया, तो इसका सबसे बड़ा फायदा चीन को मिलेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह चीन को लेकर ज्यादा परेशान हैं या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले रिस्क को लेकर, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “दोनों को लेकर।”
उन्होंने बताया कि एआई के कारण दवा और चिकित्सकीय शोध में तेज प्रगति हो रही है और तकनीक अपनी शुरुआत के बावजूद उम्मीद से कहीं ज्यादा आगे पहुंच चुकी है। यह कार्यकारी आदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कदम उठाने को कहता है कि एआई एक ही राष्ट्रीय ढांचे के भीतर सुचारू रूप से काम कर सके, न कि अलग–अलग राज्यों के नियमों के कारण बाधित हो।

