रामकृष्ण केयर अस्पताल में एक 6 वर्षीय बच्ची का नवीनतम नेविगेशन तकनीक से सफल ऑपरेशन
रायपुर। विश्व स्तर पर 10000 बच्चों में से एक सुनने में अक्षम है। कॉकलियर इम्प्लांट मूक-बधिर बच्चे की सुनने की शक्ति पुनस्र्थापित करने के लिए उसके अंदरूनी कान में उपकरण फिट करने की प्रक्रिया है। बधिर बच्चों के लिए रामकृष्ण केयर अस्पताल में पिछले साल 20 से अधिक मामले किए गए हैं, सभी मरीज का स्वस्थ्य ठीक हैं।
रामकृष्ण केयर अस्पताल में एक 6 वर्षीय बच्ची का ऑपरेशन नवीनतम नेविगेशन तकनीक (स्मार्टनेव) से किया गया, जिसका उपयोग मध्य भारत में पहली बार इस सर्जरी में किया गया है। इस डिवाइस को ऑस्ट्रेलिया में विकसित किया गया है. यह उपकरण सर्जन को ओटी कक्ष में ऑपरेशन के दौरान इम्प्लांट के सही प्लेसमेंट और कामकाज की निगरानी करने में सक्षम बनाता है, इसलिए शत-प्रतिशत कार्यक्षमता पूर्ण सफल है। डॉ. सुरभि ने नवजात काल के दौरान बच्चों में श्रवण हानि का पता लगाने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि सर्जरी जीवन के पहले वर्ष की शुरुआत में ही की जा सकती है। यह सर्जरी डॉ. सुरभि चोपड़ा चतुरमोहता (वरिष्ठ सलाहकार, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, रायपुर), डॉ. हेतल पटेल (एचओडी, केम अस्पताल, मुंबई), जूडी एंड्रयूज (मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया से), डॉ. रुचिरा राज (भाषण और भाषा रोगविज्ञानी) और अनुज टंडन की टीम द्वारा की गई थी।