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50 साल बाद नक्सलियों के गढ़ पामेड़ क्षेत्र में शुरू हुई बस सेवा

रायपुर। बीजापुर जिले का एक ऐसा इलाका जो कभी नक्सलियों की राजधानी कही जाती थी, वह इलाका अब सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और जवानों की मेहनत के बलबूते विकास की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। जहां कभी बमुश्किल दुपहिया वाहन नजर आते थे अब उस इलाके में 50 साल के बाद यात्री बस की सेवा शुरू कर दी गई।

बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर बसा उसूर ब्लॉक के पामेड़ समेत उस इलाके के 7 ग्राम पंचायतों सहित पूरे इलाके में बस की सुविधा मिल रही है। यहां पिछले 4 महीने के अंदर विकास कार्यों ने ऐसी गति पकड़ी अब इस इलाके में सड़क और कैंप के साथ ही मूलभूत सुविधाओं का विस्तार कर दिया गया है, तो वहीं सबसे बड़ी सौगात इस इलाके के ग्रामीणों के लिए यात्री बस की सेवा है। इस बस के संचालन के चलते अब उन इलाकों के ग्रामीणों को तेलंगाना से होते हुए अपने गांव जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ रही है बल्कि बीजपुर से सीधे पामेड़ पहुंच रहे हैं।

नियद नेल्लानार के तहत पामेड़ इलाके के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगीः इस मामले में बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा की माने तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार के तहत उन इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के साथ
विकास कार्यों को गति प्रदान किया जाएगा। 50 सालों तक जिन सुविधाओं के लिए ग्रामीण तरस रहे थे वह सारी सुविधा उन तक पहुंचाई जाएगी। पामेड़ इलाके के ग्रामीणों के लिए बहुत तेजी से आधार कार्ड राशन कार्ड के अलावा राशन दुकान भी गांव में संचालित की जा रही है। दरअसल पामेड़ वह इलाका है जहां पदस्थ जवानों के लिए कभी वेतन से लेकर अखबार तक हेलीकॉप्टर से भेजा जाता था परंतु अब सड़क बनने और बस सेवा के शुरू हो जाने से जवानों का यह कठिन सफर खत्म हो चुका है।

इलाका नक्सलियों के कब्जे में था, अब हो रहा विकास

पामेड़ इलाके में सड़क नहीं थी, ऐसा नहीं है, बल्कि 50 साल पहले भी सड़क बनी थी। परंतु वाहनों का संचालन नहीं होता था, उसके बाद धीरे-धीरे इस इलाके में नक्सलियों ने अपनी पैठ बढ़ाई और पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया जिसके चलते उस इलाके को नक्सलियों की राजधानी कहा जाने लगा, परंतु अब यह इलाका सरकार के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट में शामिल हो चुका है। क्योंकि इस इलाके में कैंप स्थापित किए गए, सड़कों का विस्तार किया गया और मूलभूत सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में अब पामेड़ इलाके में तेजी से विकास कार्यों को पहुंचाकर लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। ताकि ग्रामीण नक्सलवाद के दंश से हटकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ ले सकें। बीजापुर से सुबह पामेड़ के लिए जाने वाली बस आवापल्ली, बासागुड़ा, तररेम, चित्रागेल्लूर, गुंडेम कोंडापल्ली जीडपल्ली करवगट्टा और धर्माराम होते हुए पामेड़ पहुंचती है। जिसमें रोजाना बड़ी संख्या में यात्री सफर करने लगे हैं। इन इलाकों में विकास कार्यों के विस्तार के लिए सरकार तो कटिबद्ध है ही, परंतु आज अगर यह पूरा इलाका विकास की ओर बढ़ रहा है।

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