Join us?

देश-विदेश
Trending

आर्मेनिया ने अपने लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने भारत से मदद मांगी

 नई दिल्ली । सोवियत संघ का पतन होने के बाद अजरबैजान के साथ दो बार युद्ध लड़ चुके आर्मेनिया ने रूस निर्मित सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने के लिए भारत से मदद मांगी है। इससे पहले आर्मेनिया ने भारत से रॉकेट सिस्टम, आर्टिलरी गन और हथियार पता लगाने वाले राडार लेने के लिए ऑर्डर दिया है। आर्मेनिया के सुखोई विमानों को एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक उपकरण और हथियारों से लैस किया जाना है। इसके अलावा आर्मेनिया ने एस्ट्रा एमके1 बीवीआर मिसाइलों के लिए भारत के साथ बातचीत शुरू की है।

ये खबर भी पढ़ें : हिंदू मंदिर जहां हर हिंदू को कम से कम एक बार जरूर जाना चाहिए – Pratidin Rajdhani

ये खबर भी पढ़ें : चाॅकलेट का लालच देकर तीन साल की मासूम बच्ची से रेप ,आराेपी अगिरफ्तार

जोधपुर एयरबेस पर अंतरराष्ट्रीय रक्षा विमानन प्रदर्शनी के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने वाली 28 वैश्विक वायु सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों के साथ वार्ता करके संभावित सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की। इसी वार्ता के दौरान आर्मेनिया के वायु सेना प्रमुख कर्नल होवनेस वर्दयान ने बताया कि हम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की मदद से अपने सुखोई-30 को आधुनिक बनाने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में उसके पास काफी विशेषज्ञता है। एचएएल ने नासिक में अपने विमान निर्माण प्रभाग में लाइसेंस के तहत भारतीय वायु सेना के लिए रूसी मूल के लड़ाकू विमानों का निर्माण किया है।

ये खबर भी पढ़ें : सुभद्रा योजना के लिए आवेदन करने के चरण – Pratidin Rajdhani

एचएएल के एक शीर्ष अधिकारी ने भी आर्मेनियाई वायु सेना के इरादों की पुष्टि में कहा कि इस बारे में कुछ बातचीत चल रही है लेकिन यह अभी शुरुआती चरण में है। आर्मेनिया के सुखोई-30 वेरिएंट भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 बेड़े से अलग है। दोनों देशों के अलग-अलग वेरिएंट वाले सुखोई विमानों के तकनीकी पहलुओं के साथ ही आर्मेनिया की जटिल गतिशीलता को भी ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा भारत का पुराना और भरोसेमंद रक्षा साझेदार रूस धीरे-धीरे यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से अज़रबैजान के करीब जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें : वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप अपने घर में रखेंगे ये 7 चित्र – Pratidin Rajdhani

इधर, हाल के वर्षों में आर्मेनिया के साथ भारत के रक्षा संबंध और भी गहरे हुए हैं। नवंबर, 2022 में भारतीय रक्षा फर्म कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड को आर्मेनिया से आर्टिलरी गन की आपूर्ति के लिए 155.5 मिलियन डॉलर का निर्यात ऑर्डर मिला था, जो 155 मिमी हथियार प्रणाली के लिए किसी स्थानीय कंपनी को दिया गया पहला ऑर्डर था। कल्याणी 2025 तक इस ऑर्डर को पूरा करेगी। इससे पहले आर्मेनिया ने भारत को चार स्वाति राडार और छह रेजिमेंट पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदने का ऑर्डर दिया था। इसलिए अब सुखोई-30 अपग्रेड के लिए आर्मेनिया का भारत की ओर रुख करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें : महतारी वंदन योजना – महिलाओं के लिए मुश्किल समय का सहारा Pratidin Rajdhani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button