
फैटी लिवर: एक खामोश दुश्मन, जिसे आप नज़रअंदाज़ न करें!-आजकल, फैटी लिवर एक आम समस्या बनती जा रही है, लेकिन यह उतनी ही गंभीर भी है। इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं या बिल्कुल भी नहीं होते। लेकिन हमारा शरीर हमें छोटे-छोटे संकेतों से आगाह करता है, जिन्हें अगर हम समय पर पहचान लें, तो इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पैरों में सूजन: फैटी लिवर का एक छुपा हुआ इशारा-क्या आपके पैरों में सूजन रहती है? ज़्यादातर लोग इसे थकान, दिल की समस्या या किडनी की परेशानी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह फैटी लिवर का भी संकेत हो सकता है। हमारे लिवर में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन बनता है, जो रक्त प्रवाह को संतुलित रखता है।जब लिवर में फैट जमा होने लगता है, तो एल्ब्यूमिन का बनना कम हो जाता है। इससे रक्त वाहिकाओं से तरल पदार्थ रिसकर ऊतकों में जमा होने लगता है, जिससे पैरों, टखनों और तलवों में सूजन आ जाती है। यह सूजन अक्सर दबाने पर गड्ढा छोड़ देती है और दिन भर के काम के बाद बढ़ जाती है। अगर आपके पैरों में सूजन लगातार बनी रहती है या हर दिन बढ़ रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह फैटी लिवर के गंभीर होने का संकेत हो सकता है।
फैटी लिवर से बचाव के आसान और कारगर तरीके-फैटी लिवर से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है अपनी जीवनशैली और खान-पान की आदतों में बदलाव करना। सबसे पहले, चीनी, रिफाइंड कार्ब्स और प्रोसेस्ड फूड को अपनी डाइट से लगभग पूरी तरह से हटा दें। इनकी जगह हरी सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे अखरोट और फैटी फिश, लिवर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।नियमित व्यायाम भी उतना ही ज़रूरी है। हफ्ते में कम से कम पाँच दिन 30 से 45 मिनट तक टहलें, दौड़ें या तैरें। वज़न कम करना फैटी लिवर को रोकने का सबसे कारगर तरीका है। अगर आप अपने शरीर का 5-10% वज़न कम कर लेते हैं, तो लिवर में जमा चर्बी काफी हद तक कम हो जाती है।शराब का सेवन बिल्कुल न करें, क्योंकि यह लिवर पर सबसे ज़्यादा दबाव डालती है। इसके अलावा, अगर आपको मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या ब्लड प्रेशर है, तो लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड नियमित रूप से करवाते रहें। इससे बीमारी को शुरुआती स्टेज में ही पकड़ा जा सकता है और इलाज आसान हो जाता है।
समय पर लक्षणों को पहचानना ही बचाव है-फैटी लिवर शुरुआत में ज़्यादा परेशानी नहीं देता, लेकिन धीरे-धीरे यह लिवर सिरोसिस या फेल्योर का कारण बन सकता है। अगर आपको पैरों में लगातार सूजन, थकान या शरीर में भारीपन महसूस होता है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।हेल्दी डाइट, एक्टिव लाइफस्टाइल और नियमित जाँच से इस बीमारी को रोका जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि अगर शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए और समय पर कदम उठाए जाएं, तो फैटी लिवर को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए, शरीर के हर छोटे संकेत को गंभीरता से लें, क्योंकि यही आपके स्वास्थ्य का सबसे बड़ा रक्षक है।

