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IND vs ENG: इंग्लैण्ड को हराने टीम इंडिया की खास रणनीति, दो रंग की गेंद से किया अभ्यास

बर्मिंघम। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला २ जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला जाएगा। इसको लेकर भारतीय टीम जमकर अभ्यास कर रही है। खासतौर पर गेंदबाज जमकर पसीना बहा रहे हैं। लीड्स में गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट उन पर से आईपीएल का खुमार उतारने के लिए उनसे दो रंग की गेंद से अभ्यास करा रहा है। इस गेंद की एक तरफ सफेद रंग और दूसरी तरफ लाल रंग है। भारतीय टीम के सहायक कोच रेयान टेन डेशकाटे ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर बड़ा खुलासा किया।

दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय तेज गेंदबाज आईपीएल की लाइन-लेंथ से छुटकारा पाने के लिए दो रंग की गेंदों से अभ्यास करते दिखे। सत्र की शुरुआत में जसप्रीत बुमराह के आधा सफेद और आधा लाल रंग की गेंद से गेंदबाजी की। इसके बाद टीम के अन्य गेंदबाजों ने भी दो रंगों की गेंद से गेंदबाजी की। अभ्यास सत्र में एक से अधिक रंग वाली गेंदों का उपयोग करना एक आम बात है। भारतीय तेज गेंदबाज इंग्लैंड दौरे की शुरुआत से ऐसा कर रहे हैं।

सीमित ओवर की आदत को छोड़ने में मिलती है मदद
भारतीय तेज गेंदबाज सफेद गेंद के लंबे सत्र (चैंपियंस ट्रॉफी और आईपीएल) के बाद इंग्लैंड दौरे पर आए हैं। भारत के सहायक कोच डेशकाटे ने कहा कि दो रंग की गेंदों से अभ्यास करने से लाल गेंद (टेस्ट मैच) के खेल से सफेद गेंद (सीमित ओवरों के मैच) की आदतों को खत्म करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘यह कोई नई बात नहीं है। सभी गेंद निर्माता ऐसी गेंदें बनाते हैं। हम गेंदबाजों को सीमित ओवरों वाले लाइन लेंथ की आदत में सुधार करना चाहते है। यह आपको संकेत देने का सबसे आसान तरीका है। हमारे खिलाड़ी आईपीएल के लंबे सत्र के बाद यहां आए हैं। गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल की देख रेख में गेंदबाज पिछले दो हफ्तों से इसका उपयोग कर रहे हैं।’

दो रंग की गेंद से अभ्यास के क्या हैं फायदे?
दो रंग की गेंद से अभ्यास करना आधुनिक क्रिकेट में एक बहुत ही उपयोगी तरीका बन गया है, जो तकनीकी सुधार, रीडिंग स्किल और मैच की गंभीर परिस्थितियों के लिए खिलाड़ी को मानसिक रूप से तैयार करता है। गंभीर परिस्थितियों में इससे तुरंत कोई फैसला लेने में मदद मिलती है। कोच भी रियल टाइम में गेंदबाज की सीम रिलीज या बल्लेबाजों की फुटवर्क तकनीक में गलती पकड़ सकते हैं। खासकर युवा खिलाड़ियों के लिए यह बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि गेंदबाजों को दो रंग की गेंद से अभ्यास करने से होने वाले फायदे:
सीम पोजिशन का बेहतर कंट्रोल
गेंदबाज अपनी गेंदबाजी एक्शन में सीम की स्थिति को बेहतर तरीके से देख और सुधार सकता है। इस गेंद से अभ्यास करने से यह साफ दिखता है कि सीम सीधी जा रही है या झुक रही है।

रिलीज पॉइंट की पहचान
गेंद छोड़ते समय हाथ से गेंद किस तरह निकल रही है, इसका अंदाजा गेंद की दो रंगों के कारण साफ नजर आता है। इससे कलाई की स्थिति और अंगुली की स्थिति पर काम करना आसान होता है।
स्विंग और स्पिन वेरिएशन में सुधार
गेंदबाज को तुरंत पता चलता है कि उसकी गेंद कितनी और किस दिशा में स्विंग या स्पिन हो रही है। इनस्विंग, आउटस्विंग या रिवर्स स्विंग का असर आसानी से देखा जा सकता है। खासकर स्पिन गेंदबाजों के लिए गेंद की हवा में फ्लाइट और ड्रिफ्ट साफ दिखती है। इससे लूप, डिप और ड्रिफ्ट पर बेहतर कंट्रोल आता है। इतना ही नहीं तेज गेंदबाजों और कोच को इससे स्लोअर वन, कटर्स, सीम पर या स्क्रैमबल्ड सीम जैसी वेरिएशंस का असर रंगों के चलते तुरंत दिखता है। गेंदबाजों को अपने वेरिएशंस और उसके प्रभाव को बेहतर तरीके से समझ पाने में मदद मिलती है।

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