
भारत और रूस ने शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता दोहराई
नई दिल्ली । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत आए थे। यहां दोनों के बीच 23वीं वार्षिक बैठक हुई। इस मुलाकात का मकसद रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करना था। इस दौरान दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच घनिष्ठ समन्वय की सराहना की, जिसमें दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच संवाद तंत्र भी शामिल है। उन्होंने मॉस्को फॉर्मट बैठकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। दोनों नेताओं ने आईएसआईएस, आईएसकेपी और उनके सहयोगियों सहित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी उपायों का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यापक और प्रभावी होगी। उन्होंने अफगान लोगों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दोनों पक्षों ने मध्य-पूर्व/पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, संयम बरतने, नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुपालन का आह्वान किया और ऐसी कार्रवाइयों से परहेज करने की आवश्यकता जताई जो स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं और क्षेत्रीय स्थिरता से कोई समझौता कर सकती हैं। उन्होंने बातचीत के जरिए ईरान परमाणु मुद्दे को सुलझाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने गाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की और संघर्ष की समाप्ति, मानवीय सहायता और स्थायी शांति के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच हुए समझौतों और समझ को लेकर प्रतिबद्ध रहने के महत्व पर जोर दिया।
दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों का विस्तार करने और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने से जुड़े मुद्दों पर समझौता ज्ञापन के ढांचे के भीतर 10 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त रूस-भारत कार्य समूह की पहली बैठक का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 के कार्यान्वयन प्रणालियों, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाली प्रौद्योगिकियों के विकास और सतत वित्तीय साधनों के इस्तेमाल पर द्विपक्षीय वार्ता की गति में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की।

