रायपुर: कलिंगा विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने विधि और न्याय मंत्रालय के प्रो बोनो क्लब और कलिंगा विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई के सहयोग से 75वें संविधान दिवस 2024 के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और देश के कानूनी ढांचे को आकार देने में भारतीय संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, छत्तीसगढ़ की पूर्व कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं, तथा हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नया रायपुर, छत्तीसगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर और यूजी कार्यक्रमों के अधिष्ठाता डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
समारोह की शुरुआत विधि विभाग की प्रमुख श्रीमती सलोनी त्यागी श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर और कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी और कलिंगा विश्वविद्यालय की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सुश्री हर्षा शर्मा ने प्रेरणादायी भाषण दिए, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम के दौरान अपना समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक आयोजन डॉ. अंजू हरबंश, सुश्री एकता चंद्राकर और कलिंगा विश्वविद्यालय के विधि संकाय की सहायक प्रोफेसर सुश्री अंशिका वत्स द्वारा किया गया। एजेंडे में संविधान के महत्व, आधुनिक समय में इसकी प्रासंगिकता तथा संवैधानिक सिद्धांतों को कायम रखने में कानूनी पेशेवरों और छात्रों की भूमिका पर आकर्षक चर्चाएं शामिल थीं।
इस सत्र में कानूनी जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता पर जोर देकर समारोह को और समृद्ध बनाया गया, जो कानूनी शिक्षा को बढ़ावा देने और न्याय को बनाए रखने के लिए कलिंगा विश्वविद्यालय की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सभी प्रतिभागियों ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ भी ली ।
कार्यक्रम का समापन विधि संकाय की सुश्री हरलीन कौर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिससे उपस्थित लोग साझा की गई अंतर्दृष्टि से प्रेरित हुए तथा उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।