उज्जैन। मध्य प्रदेश में सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। उज्जैन, भोपाल और ग्वालियर के श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा-आराधना हो रही है। उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर को 700 किलो फूलों से सजाया गया है। गर्भगृह में फूलों का सिंहासन, दीवारों पर फूलों की लड़ियाें के साथ फूलों से बना छत्र और मोर पंख से सजावट की गई है। जन्माष्टमी पर भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया है। उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में सजाया गया है।
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महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि परम्परा के मुताबिक भाद्रपद के पहले सोमवार को अलसुबह 2:30 बजे भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाया गया, साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग और ड्राईफ्रूट से श्री कृष्ण स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल को नवीन मुकुट धारण कराया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
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भगवान महाकाल के इस अलौकिक श्रृंगार को जिसने भी देखा, वह देखते रह गया। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और हजारों श्रद्धालु चलित भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।
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केंद्रीय मंत्री जाधव ने सपरिवार किए भगवान महाकाल के दर्शन, भस्म आरती में भी हुए शामिल
जन्माष्टमी के मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव परिवार समेत उज्जैन पहुंचे और महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन किए। उन्होंने नंदी हॉल से भस्म आरती देखी। इसके बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया। इस दौरान उनकी पत्नी राजश्री जाधव और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान महाकाल का श्री कृष्ण स्वरूप में किए गए अद्भुत श्रृंगार के दर्शन कर और भस्म आरती को देखकर केंद्रीय मंत्री जाधव भावविभोर दिखाई दिए। इसके पहले उन्होंने इस तरह की आरती पूजा नहीं देखी थी। मंदिर दर्शन के लिए आए केंद्रीय मंत्री जाधव ने बाबा महाकाल को एक चांदी का छत्र और मुकुट भेंट किया। इस मुकुट को भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को पहनाया गया था।
महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए बेंगलुरु से पधारे भक्त धीरेंद्र साख्या ने भी मंदिर के पुजारी आकाश की प्रेरणा से एक चांदी का मुकुट भेंट किया। इसका कुल वजन लगभग 3246.00 ग्राम है। इसी प्रकार, गुजरात की शिल्पा बेन राजेश डोबरिया द्वारा भगवान महाकाल के लिए चांदी का श्रृंगार अर्पित किया गया। इसमें एक नग त्रिपुंड, एक नग चंद्रमा, दो नग भौहें (पलक), दो नग नेत्र, एक नग नाक, एक नग होठ, एक नग मूंछ और एक नग बिल्वपत्र शामिल है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी और राकेश श्रीवास्तव ने दानदाताओं का सम्मान कर विधिवत रसीद प्रदान की। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल ने दी है।
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