
खुले आसमान में सूर्यास्त के बाद बगैर दूरबीन से देखें शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह
उज्जैन । इन दिनों खुले आसमान में सूर्यास्त के बाद बगैर दूरबीन के क्रम से शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह दिखाई दे रहे हैं। इनको देखने के लिए आपको दिशा और थोड़ा बहुत ग्रहों की आकृति/रंग के बारे में जानना होगा। तो चलें….आज शाम को ही अपने घर की छत पर, इन ग्रहों को देखने…।

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जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त के अनुसार आप अपने घर की छत से पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर सूर्यास्त के बाद क्रम से शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह का अवलेाकन बगैर किसी उपकरण की सहायता से खुली आंखों से कर सकते हैं। ग्रहों की कांति से आपको स्पष्ट होगा कि ये ग्रह एक सीध में न होकर कुछ उत्तर या दक्षिण की ओर हैं। यह स्थिति लगभग एक माह तक आंशिक रूप से बदली हुई स्थितियों में रहेगी,लेकिन ग्रह दिखाई देंगे। यदि दूरबीन का उपयोग किया जाएगा तो स्पष्टता अधिक रहेगी और ग्रहों के रंग भी आकर्षक दिखाई देंगे।
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खगोलीय भाषा में इसे हम डॉ.गुप्त के अनुसार इस प्रकार समझ सकते हैं-
सायन गणना के अनुसार 25 जनवरी,25 को सूर्य कुंभ राशि में 5 अंश 31 कला पर रहेगा तथा सूर्यास्त का समय सायं 6.09 बजे रहेगा।
बुध ग्रह मकर राशि में 25 अंश 25 कला पर होगा, जिस कारण वह दिखाई नहीं देगा।
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पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 45 अंश ऊपर सबसे चमकदार शुक्र ग्रह दिखाई दे रहा है और 25 जनवरी को भी दिखाई देगा।
शुक्र ग्रह मीन राशि में 21 अंश 47 कला पर है तथा इसकी क्रांति 2 अंश 11 कला दक्षिण है।
पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 40 अंश ऊपर शुक्र ग्रह के नजदीक सबसे सुंदर ग्रह शनि इन दिनों रोजाना दिखाई दे रहा है। शनि ग्रह भी मीन राशि में 16 अंश 43 कला पर है तथा इसकी क्रांति 7 अंश 01 कला दक्षिण है।
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मीन राशि में ही नेप्चून ग्रह 27 अंश 46 कला पर है तथा इसकी क्रांति 2 अंश 03 कला दक्षिण है। यह क्षितिज से लगभग 50 अंश ऊपर किसी अंधकार वाले स्थान से ही देखा जा सकता है।
यूरेनस ग्रह वृषभ राशि में 23 अंश 16 कला पर है तथा इसकी क्रांति 18 अंश 21 कला दक्षिण है। इसे भी किसी अंधकार वाले स्थान से सायं के समय सिर के ऊपर देखा जा सकता है।
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सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में 11 अंश 27 कला पर है तथा इसकी क्रांति 21 अंश 38 कला दक्षिण है। इसे सायं के समय सिर के ऊपर से कुछ पूर्व की ओर अच्छे से देखा जा सकता है।
पृथ्वी के सबसे अधिक समानता रखने वाला लाल ग्रह मंगल कर्क राशि में 22 अंश 41 कला पर है तथा इसकी क्रांति 25 अंश 48 कला उत्तर है। मंगल ग्रह को सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में क्षितिज से लगभग 40 अंश ऊपर चमकदार तारे के रूप में देख सकते हैं।
इन ग्रहों को वेधशाला पहुंचकर भी देखा जा सकता है। यहां दूरबीन की व्यवस्था भी है।
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