
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हाल ही में कारोबारी मनप्रीत सिंह की 15 साल की बेटी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने भादसों में मनप्रीत सिंह के घर जाकर शोक व्यक्त किया और परिवार के साथ दुख बांटा। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने पंजाब सरकार पर अपने पार्टी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर आरोप लगाए।
मजीठिया की गिरफ्तारी पर सरकार पर हमला – सुखबीर बादल ने कहा कि मजीठिया की गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव में की गई है। उन्होंने कहा कि वो शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता हैं और संघर्षों के दौरान 16 साल जेल में बिता चुके हैं। इसलिए उन्हें इस तरह की कार्रवाई से कोई डर नहीं है।उन्होंने कहा, “सरकार के पास डेढ़ साल का समय बाकी है, उसके बाद सभी कारनामों का हिसाब लिया जाएगा।” यह बयान एक तरह से सरकार को चेतावनी देने वाला है और यह दर्शाता है कि अकाली दल सरकार की कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित मानता है।
शोक संवेदना और राजनीतिक बयान – सुखबीर बादल के इस बयान में दो पहलू हैं। एक तरफ, उन्होंने एक परिवार के दुख में शामिल होकर मानवीय संवेदना दिखाई। दूसरी तरफ, उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल अपनी पार्टी के नेता की गिरफ्तारी पर सरकार पर निशाना साधने के लिए किया। यह राजनीतिक रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है।सुखबीर बादल ने ‘डेढ़ साल बाद हिसाब’ वाली बात कहकर सरकार को एक संदेश दिया है। यह संकेत है कि अकाली दल अगले डेढ़ साल में सरकार की नीतियों और कार्यों पर नज़र रखेगा और चुनाव से पहले इन मुद्दों को उठाएगा। यह एक तरह से उनकी भविष्य की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है।