
आजकल हम सब अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन D की गोलियां खाना बहुत आम समझते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि विटामिन D अपने आप में इतना असरदार नहीं होता, जब तक उसके साथ एक जरूरी मिनरल – मैग्नीशियम न हो? असल में, हमारा शरीर जब तक मैग्नीशियम की मदद से विटामिन D को एक्टिव नहीं करता, तब तक उसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता। यानी अगर आप सिर्फ विटामिन D ले रहे हैं और आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी है, तो इम्यून सिस्टम को उससे कोई खास मदद नहीं मिलती। सोचिए, आप दिन में धूप भी ले रहे हैं, सप्लीमेंट भी खा रहे हैं लेकिन फिर भी अक्सर बीमार रहते हैं, थकान महसूस करते हैं या मूड लो रहता है – इसका मतलब साफ है कि विटामिन D को शरीर के अंदर काम पर लगाने के लिए कुछ और चाहिए, और वो है मैग्नीशियम।

क्यों जरूरी है मैग्नीशियम विटामिन D के लिए – जब आप विटामिन D सप्लीमेंट लेते हैं या धूप से उसे प्राप्त करते हैं, तो वह एक इनऐक्टिव फॉर्म में होता है। शरीर में जाकर वह तब तक कुछ नहीं करता जब तक वह एक्टिव न हो जाए। अब यह एक्टिवेशन होता है लिवर और किडनी में, और इसके लिए ज़रूरी होता है मैग्नीशियम। यह मिनरल विटामिन D को उस रूप में बदलता है जो आपकी कोशिकाओं को वायरस, बैक्टीरिया और सूजन से लड़ने में मदद करता है। हमारे खान-पान की आदतें, स्ट्रेस, नींद की कमी और प्रोसेस्ड फूड की वजह से आजकल ज्यादातर लोगों में मैग्नीशियम की कमी देखी जा रही है। ऐसे में, अगर हम विटामिन D लेते भी हैं तो उसका असर अधूरा ही रह जाता है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं – जैसे बिना पेट्रोल के कार। गाड़ी तो है, लेकिन चल नहीं रही क्योंकि फ्यूल नहीं है।
जब विटामिन D और मैग्नीशियम मिलते हैं, तब बनती है बात – हमारे शरीर में मैग्नीशियम की मौजूदगी सिर्फ विटामिन D को एक्टिव करने तक ही सीमित नहीं है। ये दोनों मिलकर हमारे ब्रेन में ‘हैप्पी हार्मोन’ कहे जाने वाले सेरोटोनिन के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। सेरोटोनिन आपके मूड, नींद, और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। अगर कभी आपको बेवजह थकान, चिड़चिड़ापन, या उदासी महसूस हो रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका शरीर विटामिन D को अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप अपनी डाइट का रुख मैग्नीशियम युक्त चीजों की ओर करें। जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मैथी), नट्स (बादाम, काजू), बीज (तिल, सूरजमुखी के बीज), साबुत अनाज और दालें।
क्या सिर्फ सप्लीमेंट लेना काफी है – अब सवाल ये उठता है कि क्या सप्लीमेंट से ही हमारी जरूरत पूरी हो जाएगी? जवाब है – नहीं। शरीर को कोई भी पोषण देने का सबसे बेहतर तरीका है प्राकृतिक भोजन। सप्लीमेंट सिर्फ तब कारगर होते हैं जब आपके खानपान में भारी कमी हो। विटामिन D और मैग्नीशियम दोनों ही एक संतुलित डाइट से आसानी से मिल सकते हैं, बशर्ते आप जंक फूड से दूरी बनाएं और ताजा, घर का बना खाना खाएं l इसलिए अगली बार जब आप विटामिन D की गोली हाथ में लें, तो यह जरूर सोचिए कि आपके शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा भी पर्याप्त है या नहीं। क्योंकि अगर ये दोनों साथ हैं, तभी आपकी इम्यूनिटी सच में मजबूत हो सकती है।