
लॉस एंजिलिस। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सबसे बड़ी मुश्किल आ गई है। अमेरिका के 20 से अधिक राज्यों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक साथ मुकदमा कर दिया है। इससे राष्ट्रपति की परेशानियां बढ़ सकती हैं। बीसों राज्यों ने लाखों लोगों का मेडिकेड डेटा निर्वासन अधिकारियों को पिछले महीने सौंपकर ट्रंप प्रशासन पर संघीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने 20 राज्यों की ओर से ट्रंप के खिलाफ मुकदमे की जानकारी दी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने डेटा साझा कर संघीय गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि कैलिफोर्निया और 19 अन्य राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप प्रशासन के इस कदम के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर भी इस केस के लपेटे में हैं। बताया जा रहा है कि कैनेडी के सलाहकारों ने कैलिफोर्निया, इलिनोइस एवं वाशिंगटन के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी निजी जानकारी समेत विभिन्न डेटा को गृह विभाग के साथ पिछले महीने साझा किया था। इसमें उनका पता, नाम, सामाजिक सुरक्षा संख्या एवं आव्रजन स्थिति संबंधी डेटा सहित निजी स्वास्थ्य जानकारी को ऐसे समय में साझा किया गया जब निर्वासन अधिकारियों ने प्रवर्तन के प्रयासों को तेज कर दिया।
इस बड़े मुकदमें में ट्रंप के फंसने के बाद अमेरिका में हड़कंप मच गया है। इस बीच अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (एचएचएस) के प्रवक्ता एंड्रयू निक्सन ने राज्यों के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘एचएचएस ने पूरी तरह से अपने कानूनी अधिकार के तहत काम किया है और सभी लागू कानूनों का पूर्ण अनुपालन किया है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि मेडिकेड के लाभ केवल उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित हों जो उन्हें प्राप्त करने के लिए कानूनी रूप से हकदार हैं।