
उत्तराखंड बनेगा आयुष और पर्यटन निवेश का नया हब – विदेशी प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक में खुला विकास का रोडमैप
उत्तराखंड: योग से निवेश तक, पर्यटन का नया अध्याय
उत्तराखंड में योग दिवस पर हुई बैठक ने खोला पर्यटन के नए आयामों का द्वार।-हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हुई एक खास बैठक ने उत्तराखंड के पर्यटन और निवेश के भविष्य को नया मोड़ दिया है। इस बैठक में कई देशों के राजदूत और उच्चायुक्त शामिल हुए, जहाँ आयुष, पर्यटन और संस्कृति क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, बेहतर सुविधाएँ और पर्यटन की अपार संभावनाओं को विस्तार से बताया गया।
बेहतर कनेक्टिविटी: निवेश का नया रास्ता–उत्तराखंड में बढ़िया कनेक्टिविटी निवेश को आमंत्रित कर रही है। तीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़) और आठ हेलीपोर्ट्स राज्य को देश-विदेश से जोड़ते हैं। 46,000 किलोमीटर से ज़्यादा का सड़क नेटवर्क पूरे साल राज्य को जोड़े रखता है, जिससे आवागमन आसान हो गया है और निवेशकों के लिए यह एक बड़ा आकर्षण है।
रोपवे: पर्यटन को नई ऊँचाईयाँ-मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरी जैसे पर्यटन स्थलों पर रोपवे परियोजनाएँ पर्यटकों के लिए यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएँगी। ये रोपवे न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाएँगे बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को एक नया आयाम भी प्रदान करेंगे। यह एक ऐसा कदम है जो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
टिहरी झील: वाटर स्पोर्ट्स का नया केंद्र-टिहरी झील को वाटर स्पोर्ट्स और एरियल स्पोर्ट्स का केंद्र बनाया जा रहा है। जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट का पुनर्विकास भी पर्यटन को और आकर्षक बनाएगा। बेहतर बुनियादी ढाँचा पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करेगा और उत्तराखंड को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।
पर्यावरण संरक्षण: केदारनाथ और बदरीनाथ में प्लास्टिक नियंत्रण-पर्यावरण संरक्षण उत्तराखंड की प्राथमिकता है। केदारनाथ और बदरीनाथ जैसे तीर्थ स्थलों को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। बायो डाइजेस्टर शौचालयों के निर्माण से स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है, जो पर्यावरण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
युवाओं को कौशल विकास: आतिथ्य क्षेत्र में नई शुरुआत-पिछले तीन वर्षों में 5500 से अधिक युवाओं को आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया है। यह कौशल विकास कार्यक्रम स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र में मानकों को ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आयुष और वेलनेस: उत्तराखंड की ताकत-उत्तराखंड की शांत हिमालयी जलवायु और आध्यात्मिक माहौल इसे आयुष और वेलनेस उद्योग के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। पारदर्शी नीतियाँ, अच्छी कानून-व्यवस्था और प्रशिक्षित जनशक्ति निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।