
निरंजन सिंह ने दिल जीत लिया – पैर नहीं थे, पर हौसले से देश को दिलाया सिल्वर मेडल नई दिल्ली में चल रही एशियन पैरा-आर्मरेसलिंग चैंपियनशिप में, मध्य प्रदेश के ग्वालियर के निरंजन सिंह ने भारत के लिए 65 किलोग्राम (बैठकर खेलने वालों की कैटेगरी) में सिल्वर मेडल जीता। पूरे देश का नाम रोशन कर दिया! निरंजन कहते हैं, “मैं दिव्यांग हूँ, मेरे पैर नहीं थे, पर बचपन से ही मेरे हाथ ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बन गए।” दिल को छू लेने वाली बात ये है कि दिल्ली में पहली बार पीपल्स आर्मरेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया इतनी बड़ी इंटरनेशनल प्रतियोगिता करवा रहा है। इसमें 14 देशों से 500 से ज़्यादा खिलाड़ी आए हैं। निरंजन सिंह की जीत और उनकी कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है। अपनी ज़िंदगी के बारे में बात करते हुए निरंजन बताते हैं, “आर्मरेसलिंग में आना आसान नहीं था। मैंने क्रिकेट जैसे कई खेल खेले। इस महीने के आखिर में मैं व्हीलचेयर क्रिकेट के नेशनल में भी खेलूँगा, पर आर्मरेसलिंग से मुझे कुछ अलग ही लगाव महसूस हुआ।” निरंजन ने बताया, “मैं बिना पैरों के पैदा हुआ था, और तभी से मैंने अपने हाथों से ही सब कुछ करना सीखा। मैंने ट्रैक्टर चलाया, जिसमें क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर सब हाथों से ही संभालने पड़े। फिर मैंने डिलीवरी ड्राइवर की नौकरी की, जिससे मुझे दुनिया को करीब से देखने और समझने का मौका मिला।”

फिर उनकी मुलाकात वर्ल्ड चैंपियन अरविंद राजन से हुई, जो उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा बदलाव था। निरंजन बताते हैं, “अरविंद सर ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे कोच मनीष कुमार से मिलवाया। वहीं से मेरी नई ज़िंदगी शुरू हुई।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने 2021 में आर्मरेसलिंग शुरू की और 2022 में हैदराबाद में अपने पहले नेशनल में हिस्सा लिया, जहाँ मैंने बाएं हाथ से जीत हासिल की। उस एक जीत ने मेरा आत्मविश्वास पूरी तरह बदल दिया। फिर मैंने दुबई में एशियन चैंपियनशिप खेली और ब्रॉन्ज मेडल जीता।” इसके बाद से निरंजन की मेहनत और उपलब्धियों का सिलसिला लगातार चल रहा है। उन्होंने प्रो पंजा के को-फाउंडर परवीन डबास और पीपल्स आर्मरेसलिंग फेडरेशन इंडिया की अध्यक्ष और एशियन फेडरेशन की उपाध्यक्ष प्रीति जंगियानी का दिल से धन्यवाद किया। निरंजन बोले, “मैं परवीन सर और प्रीति मैम का बहुत आभारी हूँ। उन्होंने मुझे और इस खेल को जिस तरह से सपोर्ट किया है, वो काबिले-तारीफ है। वो दिल से इस खेल को आगे बढ़ा रहे हैं और मुझे गर्व है कि मैं इस बड़े आयोजन का हिस्सा हूँ।” ये टूर्नामेंट 10 मई 2025 को खत्म होगा। लेकिन इससे पहले ही निरंजन जैसे खिलाड़ियों ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया है।