रायपुर । किराए पर रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म (RCM) लागू हो गया है। किराए पर प्रॉपर्टी के तीन प्रकार की सिचुएशन हो सकती है।
1. कमर्शियल प्रॉपर्टी फॉर कमर्शियल परपज के लिए किराए पर देना जैसे फैक्ट्री, दुकान ।
2. रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी फॉर रेजिडेंशियल पर्पस के लिए किराए पर देना ।
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3. प्रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी फॉर कमर्शियल पर्पस के लिए किराए पर देना जैसे की आपका मकान या फ्लैट को किराए पर देना ऑफिस खोलने के लिए या गोडाउन बनाने के लिए ।
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सभी प्रकार की प्रॉपर्टी पर जीएसटी के क्या प्रावधान है समझते है
1. कमर्शियल प्रॉपर्टी को कमर्शियल परपज के लिए किराए पर देने से चार प्रकार की सिचुएशन हो सकती हैं ।
(I) प्रॉपर्टी का मालिक जीएसटी में रजिस्टर्ड है और किराएदार भी जीएसटी में रजिस्टर्ड है तो प्रॉपर्टी का मालिक किराए में 18% जीएसटी जोड़कर किराया वसूल करेगा।
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(।।) अगर प्रॉपर्टी का मालिक जीएसटी में रजिस्टर है और किराएदार जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है तो भी प्रॉपर्टी का मालिक किराए पर 18% जीएसटी जोड़कर वसूल करेगा।
(।।।) अगर किराएदार जीएसटी में रजिस्टर है और प्रॉपर्टी का मालिक जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है तो यह नया प्रावधान 10 अक्टूबर से लागू हुआ है रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म अर्थात किराएदार किराया तो मकान मालिक को देगा लेकिन उसे पर जीएसटी डायरेक्ट सरकार को जमा करेगा जिसे हम रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म करते हैं ।
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(।v)यदि किराएदार रजिस्टेटर्ड नहीं है और प्रॉपर्टी का मालिक भी रजिस्टर्ड नहीं है तो ऐसी स्थिति में जीएसटी लागू नहीं होता अर्थात ऐसे किराए पर जीएसटी नहीं लगेगा ।
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2. अब दूसरे प्रकार की प्रॉपर्टी को लेते हैं रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी फॉर रेजिडेंशियल परपज यदि कोई मकान किराए पर लिया जाता है स्वयं के रहने के लिए तो उस पर जीएसटी नहीं लगता लेकिन यदि मकान आप अपने स्टाफ को, अपने कर्मचारियों को रहने के लिए या कंपनी अपने डायरेक्टर को रुकने के लिए मकान किराए पर ले रही है
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और यदि वह कंपनी जो किराया दे रही है वह जीएसटी में रजिस्टर है तो रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म के अंतर्गत किराए पर 18% जीएसटी सीधे सरकार को जमा करना होगा साथियों ध्यान रहे रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में सिर्फ रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म ही लागू होता है भले ही प्रॉपर्टी का मालिक रजिस्टर्ड हो या ना हो अगर किराएदार मतलब कंपनी जीएसटी में रजिस्टर्ड है तो उस पर 18% जीएसटी रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म के अंतर्गत डायरेक्ट सरकार को जमा करना होगा।
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3. अब तीसरे प्रकार की प्रॉपर्टी को लेते हैं रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी फॉर कमर्शियल यूस अर्थात यदि कोई आपके मकान को किराए पर लेता है गोदाम बनाने के लिए या ऑफिस खोलने के लिए तो सेम सिचुएशन लागू होती है जो पहले प्रकार की प्रॉपर्टी में लागू होते थे (कमर्शियल प्रॉपर्टी फॉर कमर्शियल यूस) वही सारे नियम इस प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे क्योंकि कमर्शियल परपज के लिए प्रॉपर्टी किराया कर दी है साथियों ध्यान रहे 10 अक्टूबर से नया नियम लागू है रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म का लगभग हर किराए पर जीएसटी लगेगा।
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