
योगासन से दूर होगी अपच-कब्ज और गैस की समस्या
नई दिल्ली। सर्दियों में ठंडी हवा, कम पानी पीना और भारी खाने की आदत के कारण अपच, कब्ज और वात संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं। इनसे पेट फूलना, गैस और असहजता जैसी शिकायतें बढ़ जाती हैं। योग इन समस्याओं से राहत के लिए चार आसनों के बारे में बताता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय पाचन तंत्र को मजबूत रखने के लिए चार सरल योगासनों को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है। इन योगासनों में वज्रासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, पवन मुक्तासन और मार्जरी आसन शामिल है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!वज्रासन: यह एकमात्र ऐसा आसन है जो भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। इसके लिए घुटनों के बल बैठें, एड़ियां नितंबों के नीचे और हाथ घुटनों पर रखें। यह पाचन को तेज करता है, अपच दूर करता है और कब्ज में राहत देता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन: बैठकर किया जाने वाला यह आसन रीढ़ को लचीला बनाता है और पेट के अंगों की मालिश करता है। इसके लिए एक पैर मोड़कर दूसरे के ऊपर रखें और विपरीत दिशा में मुड़ें। यह गैस, कब्ज और अपच की समस्या में विशेष लाभ देता है।
पवन मुक्तासन: इस आसन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों घुटनों को छाती से लगाएं और सांस छोड़ते हुए दबाव डालें। यह गैस रिलीज करने वाला आसन है, जो पेट फूलने की समस्या में विशेष रूप से लाभकारी है और कब्ज में भी तुरंत आराम देता है।
मार्जरी आसन: इसे कैट-काउ पोज भी कहते हैं। इसके अभ्यास के दौरान चौपाए की मुद्रा में सांस लेते हुए पीठ ऊपर उठाएं (कैट) और छोड़ते हुए नीचे झुकाएं (काउ)। यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, पाचन सुधारता है और वात संतुलन में मदद करता है।

