नई दिल्ली। आप अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड को ध्यान से देखें तो आपको उस पर वीजा, मास्टरकार्ड, रुपे आदि लिखा होगा। कई लोग इन्हें इग्नोर कर देते हैं। उन्हें लगता है कि यह उनके मतलब का नहीं है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल, यह सभी कार्ड नेटवर्क है। जिस प्रकार मोबाइल में सिम कार्ड का नेटवर्क होता है।
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वैसे की क्रेडिट या डेबिट कार्ड का भी नेटवर्क होता है। इन कार्ड नेटवर्क कंपनी द्वारा ही कार्ड जारी किया जाता है। अभी तक कस्टमर को किस कार्ड नेटवर्क वाला कार्ड मिलेगा यह बैंक द्वारा तय किया जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। आज से कार्ड नेटवर्क के नए नियम जारी हो गए हैं।
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कार्ड नेटवर्क के नए नियम
भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में कार्ड नेटवर्क को लेकर सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर के अनुसार अब बैंक या फिर नॉन-बैंक यानी एनबीएफसी किसी भी प्रकार के कार्ड जारी करने से पहले कस्टमर से पूछेंगे की वह कौन-सा कार्ड नेटवर्क सेलेक्ट करना चाहता है। इसका मतलब है कि कस्टमर अपने मर्जी से कार्ड नेटवर्क चुन सकता है।
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कार्ड नेटवर्क के कितने ऑप्शन है मौजूद
वर्तमान में बाजार में कार्ड नेटवर्क के 5 ऑप्शन मौजूद हैं। कस्टमर को वीजा, मास्टर कार्ड, रुपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर क्लब में से कोई ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा। आरबीआई के इस फैसलों को पर एक्सपर्ट ने अपना रिएक्शन दिया। उन्होंने बोला कि अगर ग्राहक अपने पसंद से कार्ड नेटवर्क सेलेक्ट करते हैं तो यह उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।
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