नई दिल्ली। गोल्डमैन सैश को उम्मीद है कि दिसंबर 2025 तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का दाम 1,111 डॉलर प्रति दस ग्राम तक पहुंच जाएगा। यह 3,150 डॉलर प्रति औंस होगा। वर्तमान भाव पर निवेश करने पर 19 फीसदी फायदा मिल सकता है। कई देशों के बीच बढ़ते तनाव और महंगाई से इस मूल्यवान धातु में यह तेजी आएगी।
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सोने की कीमतों पर इजाफा का कारण
रिपोर्ट के अनुसार, सोने के दाम में इस तेजी का एक बड़ा कारण वैश्विक केंद्रीय बैंकों की ओर से ज्यादा खरीदी है। साथ ही, अमेरिकी राजकोषीय स्थिरता, व्यापार में मंदी और युद्ध की चिंताओं से भी कीमतें बढ़ेंगी। गोल्डमैन सैश ने कहा, दिसंबर, 2025 तक हमारा पहले का अनुमान 3,000 डॉलर प्रति औंस का है। महंगाई और राजकोषीय जोखिमों की बढ़ती आशंकाएं एक्सचेंज ट्रेडेड फ्लो (ईटीएफ) को बढ़ा सकती हैं।
अमेरिकी कर्ज संबंधी चिंताएं केंद्रीय बैंकों को अधिक सोना खरीदने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। केंद्रीय बैंक की मांग में बढ़ोतरी ने 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में ऊंची ब्याज दरों के दबाव को कम कर दिया है। उच्च ब्याज दरों और मजबूत डॉलर को हम जोखिम के रूप में देख रहे हैं। यानी इस वजह से सोने के दाम में आगे कमी भी आ सकती है।
3,000 डॉलर हो सकता है भाव
यूबीएस को भी उम्मीद है कि सोने की कीमतें बढ़ती रहेंगी। दिसंबर 2025 तक 2,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएंगी। तेजी के रुझान में यह 3,000 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकती है। पहले इसका अनुमान 2,885 डॉलर प्रति औंस का था। हालांकि वर्ष के अंत में मौजूदा भाव की तुलना में मामूली बढ़ोतरी होगी और यह 2,700 डॉलर रह सकता है।
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85 डॉलर तक जा सकती हैं कच्चे तेल की कीमतें
गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि आने वाले वर्ष में दुनिया भर में कम मांग व अतिरिक्त आपूर्ति क्षमता के बीच ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 70-85 डॉलर के दायरे में रह सकती हैं।
सबसे खराब स्थिति में (देशों के बीच तनाव और आपूर्ति बाधित होने पर) कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ जाएंगी। इस साल कीमतें 69 से 91 डॉलर के बीच रही हैं।
गोल्डमैन सैश ने कहा, अभी भी ब्रेंट कच्चे तेल के 2025 में औसतन 76 डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। जून में 78 डॉलर पर था। दिसंबर 2025 तक यह गिरकर 73 डॉलर हो सकता है।