विशेष
Trending

छत्तीसगढ़ के युवा ने नदियों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने ईजाद की एआई आधारित तकनीक

जतिन नचरानी

 

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निवासी मेधावी युवा पार्थ विश्वास ने जलस्रोतों और नदियों में फैले प्लास्टिक कचरे की समस्या का स्थायी समाधान खोज निकाला है। उन्होंने एआई आधारित एक अनोखी तकनीक का आविष्कार किया है, जिसे 31 अक्टूबर 2025 को पेटेंट भी मिल चुका है। यह भारत का पहला ऐसा एआई समाधान है जो नदियों और जलस्रोतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के साथ-साथ कचरे को उपयोगी संसाधन में बदल देगा।

पार्थ विश्वास ने बताया कि उनकी यह तकनीक प्लास्टिक कचरे की सटीक पहचान करेगी, स्मार्ट तरीके से उसका संग्रहण करेगी और फिर उसे क्रूड ऑयल में परिवर्तित कर देगी। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि ऊर्जा संसाधनों का नया स्रोत भी उपलब्ध होगा। पार्थ ने कहा, मैंने देखा कि नदियां प्लास्टिक से भर रही हैं, जो जलजीवों और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इसलिए मैंने एआई का उपयोग कर एक ऐसी प्रणाली विकसित की जो ड्रोन, सेंसर और मशीन लर्निंग का सहारा लेकर प्लास्टिक को अलग करेगी। संग्रहित प्लास्टिक को पायरोलिसिस प्रक्रिया से क्रूड आॅयल में बदला जाएगा, जो ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकता है। यह तकनीक भारत में पहली बार प्रस्तुत की गई है और पेटेंट जर्नल में प्रकाशित होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। पार्थ ने खुलासा किया कि कई विदेशी कंपनियां और निवेशक उनसे संपर्क कर चुके हैं, लेकिन वे इस नवाचार को भारत में ही विकसित करना चाहते हैं।

छत्तीसगढ़ और भारत की नदियों को साफ करने का मेरा सपना यहीं पूरा होगा। रायगढ़ के इस युवा इंजीनियर ने अपनी पढ़ाई आईआईटी से पूरी की और पर्यावरण संरक्षण में रुचि रखते हुए यह प्रोजेक्ट शुरू किया। शुरुआत में स्थानीय नदियों जैसे केलो और महानदी में प्लास्टिक प्रदूषण का सर्वे किया। एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए हजारों इमेज और डेटा का उपयोग किया गया, जो प्लास्टिक की विभिन्न प्रकारों को 98% सटीकता से पहचानता है। संग्रहण के लिए स्वचालित रोबोटिक आर्म्स और ड्रोन तैनात होंगे, जो कचरे को एकत्रित कर प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाएंगे। वहां पायरोलिसिस तकनीक से प्लास्टिक को 400-500 डिग्री सेल्सियस पर गर्म कर क्रूड आॅयल निकाला जाएगा। यह तकनीक न केवल कचरा प्रबंधन में क्रांति लाएगी, बल्कि रोजगार सृजन और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देगी। पार्थ का यह आविष्कार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को मजबूती देगा।

Join Us
Back to top button
12 हजार से भी कम, 8GB रैम और 5G सपोर्ट के साथ 25,000 में ट्रेन से 7 ज्योतिर्लिंग यात्रा, जानें पूरा पैकेज और किराया IRCTC Bharat Gaurav चलेगी 10 पैसे प्रति किलोमीटर e-Luna Prime,सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक iPhone से Pixel तक स्मार्टफोन पर बेस्ट डील्स, आज आखिरी मौका