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पंजाब में बाढ़ राहत पर राजनीति: भगवंत मान आज अमित शाह से करेंगे मुलाकात

पंजाब में बाढ़ का कहर: तबाही, नुकसान और राहत की उम्मीदें-पंजाब में आई हालिया बाढ़ ने तबाही मचा दी है, जिससे राज्य के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हज़ारों घर पानी में डूब गए, लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और किसानों की मेहनत की फसल बर्बाद हो गई। इस त्रासदी से उबरने के लिए राज्य सरकार केंद्र से मदद की गुहार लगा रही है।

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बाढ़ से हुए नुकसान का लेखा-जोखा-बाढ़ ने पंजाब में भारी तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार का अनुमान है कि कुल ₹20,000 करोड़ का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि यह नुकसान इतना बड़ा है कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित ₹1,600 करोड़ का पैकेज नाकाफी है। इस नुकसान का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हज़ारों घर डूब गए, जिससे लाखों लोग बेघर हो गए। किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन अकेले राज्य के संसाधनों से यह संभव नहीं है। इसी वजह से केंद्र से एक बड़े राहत पैकेज की मांग की जा रही है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके और राज्य को इस आपदा से उबरने में मदद मिल सके।

मुआवजे की मांग और SDRF नियमों में बदलाव-बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए, राज्य सरकार ने SDRF (State Disaster Response Fund) के नियमों में बदलाव की मांग की है। मौजूदा नियमों के तहत मिलने वाला मुआवजा बहुत कम है, जिससे प्रभावित लोगों को ज़्यादा मदद नहीं मिल पा रही है। वर्तमान नियमों के अनुसार, किसानों को फसल नुकसान पर प्रति एकड़ ₹2,000 से ₹6,800 तक ही मिलते हैं, जबकि राज्य सरकार किसानों को ₹50,000 प्रति एकड़ देने का इरादा रखती है। सरकार चाहती है कि नुकसान के प्रतिशत के आधार पर मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए। उदाहरण के लिए, अगर किसी किसान की 75% से 100% तक फसल बर्बाद हो जाती है, तो उसे ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा देने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री मान का कहना है कि अगर केंद्र सरकार नियमों में छूट नहीं देती है, तो राज्य सरकार अपनी तरफ से अतिरिक्त राशि जोड़ेगी।

केंद्र-राज्य के बीच तनाव और राजनीतिक आरोप-बाढ़ के संकट के दौरान, केंद्र और राज्य सरकार के बीच रिश्तों में तनाव भी देखने को मिला है। पंजाब सरकार ने केंद्र पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि केंद्र इस आपदा को गंभीरता से नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं मिला, जिससे राज्य सरकार नाराज़ थी। इस मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में केंद्र के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। अब, गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात को पंजाब के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस बैठक में एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी, जिससे बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके और प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।

राहत पैकेज और प्रभावित परिवारों के लिए सहायता-पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों और परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत, किसानों को फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ ₹20,000, मवेशियों की मृत्यु पर ₹37,500 और खेतों से गाद हटाने के लिए प्रति एकड़ ₹7,200 दिए जाएंगे। फाजिल्का और फिरोजपुर क्षेत्रों में पानी निकासी के लिए ₹4.5 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। सरकार का दावा है कि यह पैकेज प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत देने के लिए तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर हुए नुकसान की भरपाई अकेले राज्य सरकार के बूते की बात नहीं है, इसलिए केंद्र से बड़े राहत पैकेज की मांग की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत मिले और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद की जा सके।

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