
शुरुआती कारोबार में रुपया 14 पैसे मजबूत, डॉलर की कमजोरी का असर शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.50 पर पहुंच गया। इसकी बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर की कमजोरी रही, जो हालिया कमजोर आर्थिक आंकड़ों के चलते दबाव में है। फॉरेक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते रुपया हल्के नकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर सकता है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी इसकी गिरावट को सीमित रख सकती है। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 86.50 के स्तर पर खुला, जो पिछले बंद भाव की तुलना में 14 पैसे की मजबूती दिखा रहा था। गुरुवार को रुपया 34 पैसे की बढ़त के साथ 86.64 पर बंद हुआ था।

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डॉलर में गिरावट से रुपये को मिला सपोर्ट CR Forex Advisors के एमडी अमित पबारी ने कहा, “डॉलर की कमजोरी ने रुपये के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। इसके अलावा, भारत की मजबूत वास्तविक यील्ड (2.39%) और आरबीआई की सक्रिय नीतियों से भी रुपये को सपोर्ट मिला है।” अब निवेशकों की नजर आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक के मिनट्स पर होगी, जिससे आने वाले दिनों में रुपये की दिशा तय हो सकती है।
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इस बीच, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को दर्शाता है, 0.04% की बढ़त के साथ 106.41 पर कारोबार कर रहा था। पबारी ने बताया, “डॉलर इंडेक्स 106.50 के अहम स्तर से नीचे आ गया, क्योंकि हालिया आर्थिक आंकड़ों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत मिले हैं। फरवरी में फिलाडेल्फिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स 44.3 से गिरकर 18.1 पर आ गया, जिससे विनिर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट का संकेत मिलता है।”
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क्रूड में नरमी, बाजार पर असर वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.03% की गिरावट के साथ 76.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। डॉलर-रुपया पर बात करते हुए पबारी ने कहा, “USD/INR जोड़ी 86.80 पर मजबूत रेजिस्टेंस का सामना कर सकती है, जबकि 86.50 का स्तर महत्वपूर्ण सपोर्ट बना हुआ है। अगर यह स्तर टूटता है, तो रुपया 85.80-86.00 के दायरे में पहुंच सकता है।”
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शेयर बाजार में गिरावट, एफआईआई की बिकवाली जारी घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 281.79 अंकों (0.37%) की गिरावट के साथ 75,454.17 पर और निफ्टी 96.75 अंकों (0.42%) की गिरावट के साथ 22,816.40 पर कारोबार कर रहा था। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को शुद्ध रूप से 3,311.55 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।
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भारत की विकास दर में सुस्ती की संभावना मूडीज एनालिटिक्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट ‘एशिया-पैसिफिक आउटलुक: कैओस अहेड’ में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2024 में 6.6% रहने के बाद 2025 में घटकर 6.4% रह सकती है।
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रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका के नए टैरिफ और वैश्विक मांग में नरमी का असर भारत के निर्यात पर पड़ सकता है, जिससे ग्रोथ रेट पर दबाव आ सकता है। साथ ही, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापार तनाव, नीतिगत बदलाव और असमान रिकवरी के कारण 2025 में आर्थिक सुस्ती देखने को मिल सकती है।
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